शिमला: नई छोटी इलेक्ट्रिक बसें शिमला पहुंच गई हैं. अभी तक 20 में से केवल 4 बसें ही शिमला पहुंची है और बाकी बसों के भी इस महीने राजधानी पहुंचने की संभावना है. 7 मीटर लंबी जीपीएस सिस्टम से लैस इन बसों को राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में ही चलाया जाएगा.
नई छोटी बसों के पहुंचने के साथ ही शिमला में इलेक्ट्रिक बसों की कुल संख्या 50 हो जाएगी. इससे ना केवल शिमला के लोगों को प्रदूषण नियंत्रण में सहायता मिलेगी बल्कि शिमला में लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी.
हिमाचल पथ परिवहन के मुख्य महाप्रबंधक एचके गुप्ता ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित कर दिया गया है और आधुनिक तकनीक के चार्जर से ये बसें केवल आधे घंटे में चार्ज की जा सकेंगी. इसके लिए अलग से ढली में ट्रांसफॉर्मर भी स्थापित कर दिया गया है.
पैसेंजर सेफ्टी सिस्टम से लैस हैं बसें
बसों की खासियत बताते हुए गुप्ता ने कहा कि नई छोटी इलेक्ट्रिक बसें पैसेंजर सेफ्टी सिस्टम से लैस हैं और एसयूवी मॉडल पर तैयार की गई हैं. जिनमें एयर सस्पेंशन की सुविधा भी है. इन बसों में तीन सीसीटीवी कैमरे हैं. ये बसें राजधानी की आब-व-हवा साफ-सुथरी रखने और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एचआरटीसी ने ऑर्डर किया है.
बसों की रिपेयरिंग होता है कम खर्च
HRTC प्रबंधक एचके गुप्ता ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक बसों की रिपेयरिंग पर बहुत कम खर्च आता है. क्योंकि इनके मूविंग पार्टस कम होते हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रिक कंजप्शन भी कम होता है. डीजल बसों की तुलना इलेक्ट्रिक बस में 15 से 16 रुपये प्रति किमी ऑपरेटिंग कॉस्ट भी कम आ रही है.