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नेपाल के PM केपी शर्मा ओली से मिले SJVNL निदेशक, नए प्रोजेक्ट शुरू करने पर हुई चर्चा

सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने शनिवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उप प्रधानमंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल से काठमांडू में मुलाकात की. इस दौरान एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने कहा कि जल विद्युत क्षेत्र के लिए एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है.

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Published : Jul 10, 2021, 8:33 PM IST

शिमलाःसतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने आज नेपाल पहुंच कर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Prime Minister KP Sharma Oli) और उप प्रधानमंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल (Deputy Prime Minister Vishnu Prasad Poudel) से काठमांडू में मुलाकात की. प्रबंध निदेशक ने एसजेवीएन के नेपाल में 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के आधिकारिक दौरे पर नेपाल में चल रहे 900 मेगावाट प्रोजेक्ट के बारे में प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री को जानकारी दी. उन्होंने एसजेवीएन के 679 मेगावाट लोअर अरुण-3 जल विद्युत परियोजना आवंटित करने के लिए भी नेपाल के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया.

इस दौरान एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने कहा कि जल विद्युत क्षेत्र के लिए एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है. उन्होंने इसे आर्थिक व्यवहारिता में परिणाम और ढांचागत विकास को बढ़ावा देने वाला बताया है. एकीकृत नदी बेसिन विकास के परिणाम स्वरुप संसाधनों का उपयोग होता है. इससे कम लागत पर तेजी से परियोजनाओं को पूरा किया जा सकता है.

निदेशक ने कहा कि इससे क्षेत्र के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास भी सुरक्षित होगा. उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि अरुण बेसिन और नेपाल में अन्य स्थानों पर जल विद्युत परियोजनाओं (hydro power projects) को एसजेवीएन को आवंटित करने पर विचार करें.

नंद लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन लिमिटेड (SJVN Limited) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अरुण- 3 पावर डेवलपमेंट कंपनी नेपाल में 900 मेगावाट अरुण तीन जल विद्युत परियोजना निष्पादित कर रही है. भारत के प्रधानमंत्री और नेपाल के प्रधानमंत्री के संयुक्त रूप से एसजेवीएन की 900 मेगावाट अरुण- 3 जल विद्युत परियोजना की आधारशिला रखी गई है. इस परियोजना की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए (भारतीय मुद्रा में 11 हजार 200 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है.

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