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सूरज हत्याकांड में SC से जैदी को मिली राहत, जानिए कैसे गुड़िया केस में लापरवाही पड़ी थी पूर्व IG पर भारी

पुलिस लॉकअप में हुई मौत के मामले में जैदी के अलावा ठियोग के पूर्व डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, एचएससी सूरत सिंह, मोहन लाल, रफीक अली, रंजीत सरेटा अभी तक सलाखों के पीछे हैं. सीबीआई ने इसी मामले में 16 नवंबर को शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार किया था.

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Published : Apr 5, 2019, 7:18 PM IST

शिमला: प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया रेप और मर्डर केस से जुड़े आरोपी सूरज लॉकअप हत्याकांड मामले में पूर्व आईजी जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. जैदी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. वहीं, हत्याकांड के 8 आरोपी अभी भी जेल में हैं.

कोटखाई में गुड़िया रेप व हत्या मामले में पुलिस एसआईटी द्वारा गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी सूरज की कोटखाई लॉकअप हत्या मामले में जांच कर रहे सीबीआई ने पुलिस एसआईटी को जिम्मेदार बताया. इसी आधार पर सीबीआई ने बीते 29 अगस्त को एसआईटी चीफ आईजी जहूर जैदी को मामले में षड्यंत्र रचने के लिए दोषी पाया और गिरफ्तार किया. साथ ही अन्य 8 पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया था.

सूरज हत्याकांड (डिजाइन फोटो)

पुलिस लॉकअप में हुई मौत के मामले में जैदी के अलावा ठियोग के पूर्व डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, एचएससी सूरत सिंह, मोहन लाल, रफीक अली, रंजीत सरेटा अभी तक सलाखों के पीछे हैं. सीबीआई ने इसी मामले में 16 नवंबर को शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार किया था.

भारी पड़ी गुड़िया केस की जांच में लापरवाही
एक साल पहले शिमला के कोटखाई इलाके के दांदी जंगल में दसवीं कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ था. दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. इस मामले में तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार की बहुत किरकिरी भी हुई थी. जनता के गुस्से के कारण जांच सीबीआई को सौंपी गई. सीबीआई ने बिखरी कड़ियां 0जोड़ते हुए गुड़िया के गुनहगार तक पहुंचने में तो कामयाबी पाई, लेकिन इससे पहले हिमाचल पुलिस ने लापरवाही भरी जांच से अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली.

राज्य सरकार ने जहूर जैदी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और केस सुलझाने का दावा किया. बाद में एक आरोपी सूरज की हवालात में मौत हो गई और मामला वहीं से बिगड़ा. जांच सीबीआई को सौंपी गई और सीबीआई ने गुड़िया के गुनहगार को पकड़ने से पहले अपना फोकस कस्टोडियल डेथ मामले पर रखा. पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद सीबीआई ने आईजी जहूर जैदी और एसआईटी के अन्य सदस्यों पर हाथ डाला और उन्हें गिरफ्तार किया.

गुड़िया मर्डर केस (डिजाइन फोटो)

गौर हो कि 4 जुलाई, 2017 को स्कूल से घर वापस लौटते समय गुड़िया अचानक लापता हो गई थी. जिसके बाद 6 जुलाई की सुबह छात्रा का शव दांदी के जंगल में पड़ा मिला. गुड़िया प्रकरण में सबसे पहले पुलिस ने जांच अमल में लाई थी. जिसके बाद ये मामला एसआईटी को सौंपा गया. एसआईटी ने मामला सुलझाने का दावा करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया. इसी बीच ये केस सीबीआई के हवाले कर दिया गया लेकिन, उससे पहले पुलिस लॉकअप में एक आरोपी सूरज की हत्या हो गई.

ऐसे में सीबीआई ने बीते 22 जुलाई को गुड़िया मर्डर और रेप केस व पुलिस लॉकअप हत्याकांड को लेकर अलग-अलग मामले दर्ज किए. सीबीआई ने एसआईटी के आईजी जहूर जैदी समेत 9 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी को सूरज हत्या मामले में गिरफ्तार किया था.

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