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शुभम सुसाइड मामले में नया मोड़, मोबाइल ऐप से लिया था लाखों का लोन - शुभम सुसाइड मामला शिमला

शिमला के युवा शुभम ने मानसिक प्रताड़ना के चलते फंदा लगाने जैसा कदम उठाया था. मोबाइल ऐप के जरिये शुभम ने लाखों का लोन लिया था. जब लोन नहीं लौटा सका तो उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है.

Shimla sp office
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Published : Feb 3, 2021, 6:02 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के युवक शुभम की मौत मामले में नया मोड़ आया है. पुलिस की अबतक की जांच में सामने आया है कि शुभम ने मोबाइल ऐप से लाखों रुपये का लोन लिया था. जब वह लोन नहीं लौटा सका तो उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया.

शुभम को मानसिक रूप से किया गया प्रताड़ित

पुलिस के अनुसार शुभम ने 4 लाख 97 हजार का लोन कई अलग-अलग ऑनलाइन मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये लिया था. ऑनलाइन लोन देने वाले लोग शुभम को धमकाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे. जांच में यह भी सामने आया कि शुभम ने आत्महत्या वाले दिन 28 नवंबर को बहन से 5500 रुपये लेने के बाद ऑनलाइन मोबाइल कंपनी को भुगतान किया था.

दो के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला

परिजनों की शिकायत पर न्यू शिमला थाना पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने पर मामला दर्ज किया था. मृतक की मां ने खुलासा किया कि उसके बेटे को धमकी देकर आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था. इस बीच शुभम के फोन से रिकवर हुए डाटा में पुलिस के रडार में 2 मोबाइल नंबर आ गए. इन नंबरों से शुभम को लगातार फोन आ रहे थे.

पुलिस को घर से मिली था सुसाइड नोट

गौरतलब है कि 28 नवंबर को शुभम कल्याण 24 पुत्र संजीव, भगवती नगर लोअर खलीनी निवासी अपने निमार्णाधीन भवन के प्रथम तल में फंदा से लटका हुआ मिला था. शुभम को शहर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया. दोपहर एक बजे अस्पताल से पुलिस को सूचना दी गई कि युवक को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया है. पुलिस को घर से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ. इसमें आत्महत्या के पीछे मानसिक तौर पर परेशान होने का जिक्र था.

ऑनलाइन ऐप के झांसे में न आने की हिदायत

साइबर विभाग ने युवाओं को ऑनलाइन लोन ऐप के झांसे में न आने की हिदायत दी है. ऑनलाइन कंपनियां ऐप के जरिये 10 मिनट के भीतर ही पांच से सात हजार तक का लोन आसानी से ग्राहकों को देती हैं. कंपनी की ओर से लोन की दी हुई रकम को वापस देने के लिए अधिकतम 7 दिन का समय दिया जाता है. इस बीच पैसे वापस नहीं हुए तो मोबाइल कंपनियां 35 फीसदी ब्याज के साथ पैसे वसूलती हैं. शुभम आत्महत्या मामले में भी यही बात सामने आई है.

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