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Shrikhand Mahadev Yatra 2023: कठिनतम श्रीखंड महादेव यात्रा आधिकारिक तौर पर शुरू, DC कुल्लू ने दिखाई हरी झंडी

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Published : Jul 7, 2023, 2:23 PM IST

श्रीखंड महादेव की यात्रा आज 7 जुलाई से अधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने निरमंड के सिंघगाड से श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस बार श्रीखंड महादेव यात्रा 7 जुलाई से 20 जुलाई 2023 तक रहेगी. (Shrikhand Mahadev Yatra 2023)

Shrikhand Mahadev Yatra 2023.
श्रीखंड महादेव यात्रा शुरू.

श्रीखंड महादेव यात्रा आधिकारिक तौर पर शुरू.

रामपुर: महादेव के पंच कैलाशों में सबसे कठिन श्रीखंड महादेव यात्रा आज से अधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है. इस बार श्रीखंड महादेव यात्रा 7 जुलाई से 20 जुलाई तक चलेगी. श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने आज सुबह करीब साढ़े 5 बजे निरमंड के सिंघगाड से श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए 50 श्रद्धालुओं का पहला जत्था और भीमाकाली छड़ी यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है. वहीं, दिन भर में आज श्रद्धालुओं के कई जत्थे श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए रवाना किए जाएंगे.

श्रीखंड महादेव.

डीसी कुल्लु ने यात्रियों को दिए निर्देश: श्रीखंड महादेव यात्रा शुरू करने से डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने सिंघगाड में पूजा अर्चना व हवन में भाग लेकर यात्रा की मंगलकामना की. इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं को यात्रा की शुभकामनाएं देते हुए आग्रह किया कि यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा जारी सभी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, ताकि उनकी यात्रा सुरक्षित हो सके. साथ ही डीसी कुल्लू द्वारा रात के समय यात्रा करने से भी मना किया गया है.

4 हजार लोगों ने श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए किया रजिस्ट्रेशन: डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि श्रीखंड महादेव यात्रा को जाने के लिए श्रद्धालु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. अभी तक 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन किया है. इसके अलावा सिंघगाड में यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं. मेडिकल जांच के बाद ही श्रद्धालुओं को यात्रा पर भेजा जाएगा. श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए शाम 5 बजे के बाद किसी भी श्रद्धालु को नहीं भेजा जाएगा.

डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने सिंघगाड में की पूजा अर्चना.

डीसी कुल्लू का यात्रियों से कूड़ा न फैलाने का आग्रह: डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से कूड़ा-कचरा विशेषकर प्लास्टिक का कचरा जंगल में न फेंकने का आग्रह किया. उन्होंने श्रद्धालुओं से प्लास्टिक का कचरा अपने साथ वापस लाने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह यात्रा 7 से 20 जुलाई तक चलेगी और यह यात्रा दुनिया की सबसे मुश्किल यात्राओं में से एक है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

यात्रियों की सुविधा के लिए 5 बेस कैंप:डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा श्रीखंड महादेव यात्रा को सफल बनाने व श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सिंघगाड, थाचड़ू, कुंषा, भीम डवारी व पार्वती बाग में 5 बेस कैंप बनाए गए हैं. निरमंड से श्रीखंड तक यात्रा एरिया को 5 सेक्टरों में बांटा गया है. सभी बेस कैंप में डॉक्टर, पैरा मेडिकल टीम, रेस्क्यू टीम, पुलिस व जिला प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं. आशुतोष गर्ग ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने व श्रद्धालुओं की सहायता के लिए अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं सबद्ध खेल संस्थान के राहत व बचाव कार्य में ट्रेंड 16 सदस्यों का दल तैनात किया गया है.

डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने शुरू की श्रीखंड महादेव यात्रा.

ऐसे करें श्रीखंड महादेव यात्रा: बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को शिमला से रामपुर का करीब 130 किमी का सफर तय करना पड़ता है. इसके बाद रामपुर से निरमंड 17 किमी और निरमंड से जाओं का 23 किमी का सफर वाहन से तय करना होता है. इसके आगे श्रीखंड महादेव तक का करीब 32 किमी का सफर यात्रियों को पैदल तय करना होता है.

यात्रियों के लिए जरूरी हिदायतें: आमतौर पर श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान पार्वती बाग से ऊपर कई यात्रियों की ऑक्सीजन की कमी के चलते तबीयत बिगड़ जाती है. ऐसे में जिन्हें ऑक्सीजन की कमी महसूस हो, ज्यादा सांस फूलना, सिरदर्द होना, चढ़ाई न चढ़ पाना, उल्टी की शिकायत होना, धुंधला दिखना और चक्कर आना की शिकायत हो तो वह यात्री तुरंत आराम करें और बेसकैंप में डॉक्टर से चेकअप करवाएं. यात्री अपने साथ एक पक्का डंडा, ग्रिप वाले जूते, बरसाती छाता, सूखे मेवे, गर्म कपडे़, टॉर्च और ग्लूकोज सहित आवश्यक सामान लेकर जरूर जाएं. कठिन और जोखिम भरी श्रीखंड महादेव यात्रा को 2014 से ट्रस्ट के अधीन किया गया है. जिला प्रशासन की ओर से हर साल श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए प्रबंध के प्रयास किए जाते हैं.

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