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गिरि नदी पर जलाशय निर्माण का मामला, शिमला जल प्रबंधन निगम ने हाईकोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट

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Published : Oct 20, 2022, 10:39 PM IST

शिमला जल प्रबंधन निगम ने गिरि नदी पर जलाशय निर्माण मामले में रिपोर्ट गुरुवार को हाईकोर्ट में दाखिल कर दी है. हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को जांचने और परखने के लिए पक्षकारों को दो सप्ताह का समय दिया है.

Himachal High Court
हिमाचल हाईकोर्ट

शिमला:राजधानी शिमला को जल संकट से निजात दिलाने के लिए गिरि नदी पर जलाशय निर्माण (Reservoir construction on Giri river) से संबंधित रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी गई है. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (Shimla Water Management Corporation Limited) की तरफ से तैयार की गई रिपोर्ट को जांचने और परखने के लिए हाईकोर्ट ने पक्षकारों को दो सप्ताह का समय दिया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 3 नवंबर को निर्धारित की है.

शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने इस मामले में निरीक्षण के लिए संयुक्त कमेटी का गठन किया है. इसी कमेटी की तैयार की गई रिपोर्ट को अदालत में पेश किया गया है. निरीक्षण रिपोर्ट में अदालत को बताया गया कि गिरि नदी के किनारे निजी भूमि पर मलबे आदि की डंपिंग की जा रही है. यह भूमि ढलानदार है और सारी गाद इसी के रास्ते से बहकर नदी में आती है. रिपोर्ट में बताया गया कि पराला मंडी के सीवरेज से नदी का पानी गंदा नहीं हो रहा है. पराला मंडी का सीवरेज टैंक नदी से लगभग ढाई सौ मीटर की दूरी पर बनाया गया है.

गौरतलब है कि अदालत ने गिरि नदी पर प्रस्तावित जलाशय की विस्तृत जानकारी तलब की थी. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने जनहित से जुड़ी इस याचिका को अदालत के समक्ष दाखिल किया है. इस मामले पर सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ के समक्ष हो रही है.
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गौर हो कि शिमला शहर में पानी की कमी को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ संज्ञान लिया है. अदालत की ओर से समय-समय पर पारित आदेशों के बाद अब शहर में पानी की व्यवस्था सुचारू हुई है. गर्मियों में शहर के लिए पांचवें दिन भी कम मात्रा में पानी दिया जा रहा था. अदालत ने शहर के प्राकृतिक जल स्रोतों को विकसित करने के आदेश दिए थे. नगर निगम ने शहर में सभी प्राकृतिक स्रोतों को चिन्हित किया है. इन स्रोतों से प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख लीटर पानी निकलता है. इन्हें विकसित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इसी के साथ गिरि नदी पर जलाशय के निर्माण की संभावनाओं पर भी हाईकोर्ट के निर्देश हैं.

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