शिमला: राजधानी में शिमला नगर निगम के सफाई कर्मचारी घर बैठे वेतन ले रहे हैं. मंगलवार को नगर निगम की मासिक बैठक में यह खुलासा हुआ कि शहर में 300 से ज्यादा सफाई कर्मचारी घर बैठकर वेतन ले रहे हैं. बैठक में डेढ़ सौ सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने के सवाल पर शहरी विधायक हरीश जनारथा ने जमकर अधिकारियों को लताड़ लगाई. उन्होंने कहा एक ही घर से तीन-तीन सदस्य सैहब सोसाइटी और सफाई कर्मी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर लोग सफाई करने नहीं आते हैं और इसका आंकड़ा बहुत ज्यादा है. विधायक ने आदेश दिए कि ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए, ताकि शहर में सफाई व्यवस्था की हालत सुधारी जा सके.
1100 सफाई कर्मियों के बाबजूद शहर में सफाई नहीं: शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने कहा वह इस मामले को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष भी उठाएंगे. उन्होंने कहा शिमला शहर में सफाई व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह से चरमरा गई है, जिससे लोग परेशान है. शिमला शहर में 1100 के करीब सफाई कर्मी हैं, जिसमें से 800 सैहब कर्मी हैं जो कि घरों से कूड़ा उठाते हैं और अन्य कर्मी शहर के वार्डों में सफाई करते हैं. बावजूद इसके शहर में सफाई व्यवस्था देखने को नहीं मिलती है.
नियमित रूप से लगेगी सफाई कर्मियों की हाजरी:विधायक ने निर्देश दिए की नगर निगम शिमला नियमित रूप से सफाई कर्मचारियों की हाजिरी लगाए और जो भी काम में कोताही बरतता है तो, उस पर सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही उन्होंने समय-समय पर सफाई कर्मचारियों की एक वार्ड से दूसरे वार्ड में तैनाती करने के निर्देश भी दिए हैं. वहीं, विधायक ने बैठक में देरी से आने वाले और नदारद रहने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने और उनसे जवाब तलब करने के निर्देश बैठक में दिए हैं.