शिमला:हिमाचल प्रदेश में बरसी आसमानी आफत से इस बार भारी नुकसान है. प्रदेशभर में फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड, और बादल फटने के कारण कई सड़कें टूट गई है. बहुत से लोग मकान ढह जाने से बेघर हो गए हैं. इस आपदा में कई लोगों ने अपनी जानें भी गवाईं हैं. जिसके चलते हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. हिमाचल टूरिज्म पर इस आपदा का सबसे बुरा असर पड़ा है. बुधवार देर रात भारी लैंडस्लाइड के कारण कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 50 मीटर तक ढह गया है. जिसके चलते यहां आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है.
शिमला टूरिज्म पर पड़ा असर: कालका-शिमला ने एनएच-5 के क्षतिग्रस्त हो जाने से इसका सीधा असर शिमला टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ा है. बाहरी राज्यों से शिमला आने वाले सैलानियों के लिए कालका-शिमला हाईवे ही मेन रोड था, जो कि अब ढह गया है. जिससे शिमला के लिए जाने वाले वाहनों के पहिए भी थम गए हैं. हिमाचल प्रदेश टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने बताया कि इस साल शिमला में टूरिज्म बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
आपदा से लोगों में डर: महेंद्र सेठ ने बताया कि पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सैलानियों से हिमाचल आने का आह्वान किया था, लेकिन बरसात से टूट चुकी सड़कों और प्राकृतिक आपदा के डर से सैलानी यहां नहीं आना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कालका-शिमला ने एनएच के ढह जाने से अब सैलानी बिलकुल भी शिमला का रुख नहीं करेंगे. हालांकि प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग भी मुहैया करवाया जा रहा है, लेकिन इन रास्तों से सैलानियों के आने की संभावना बेहद कम है.