शिमला: भारत सरकार ने ईज ऑफ लिविंग सूचकांक जारी किया है. इस सूचकांक के तहत कुल 111 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है. इस सूचकांक में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बेंगलुरु पहले, पुणे दूसरे और अहमदाबाद तीसरे स्थान पर है. जबकि 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में शिमला पहले और भुवनेश्वर दूसरे नंबर पर है. ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहले स्थान पर आने पर शिमलावासी खुश हैं.
शहर में बेतरतीब ढंग से हो रहा निर्माण कार्य
यहां की प्राकृतिक सुंदरता ही है जो देश और विदेशों से सैलानियों को यहां पर खींचकर लेकर आती है. ऐसे शहर में कौन नहीं रहना चाहेगा, लेकिन इसके साथ ही शिमला की ऐतिहासिकता से हो रहे खिलवाड़ से लोग परेशान भी नजर आ रहे हैं. भले ही शिमला में हर एक तरह की सुविधाएं उन्हें मिल रही है, लेकिन जिस तरह से शिमला शहर में बेतरतीब ढंग से निर्माण कार्य हो रहा है और शिमला शहर को जितनी आबादी के लिए बनाया गया था, उससे तीन गुना आबादी यहां पर आकर बस चुकी है, तो ऐसे में अब इस खूबसूरत हिल स्टेशन का स्वरूप बदलता जा रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिमला में शिक्षा स्वास्थ्य और सड़कों से जुड़ी सभी तरह की सुविधाएं हैं. यहां के लोगों के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधाएं भी काफी है. बिजली और पानी की सुविधा भी यहां लोगों को मिल रही है. वहीं, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए भी यहां सरकारी और निजी स्तर के बड़े अस्पताल हैं.
बेहतर शिक्षा प्रणाली
शिक्षा के लिए कॉन्वेंट स्कूलों से लेकर सरकारी स्कूलों तक का जाल यहां बिछा हुआ है. छात्रों को बेहतर शिक्षा यहां मिल रही है, जिसके चलते शिमला शहर में लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन अभी भी कुछ एक समस्याओं से शिमला शहर के स्थानीय लोगों के दो चार होना पड़ रहा है.
अगर उन समस्याओं को भी दूर कर दिया जाए तो यहां के स्थानीय लोगों को सहूलियत मिलने के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी शिमला घूमना और यहां की आबोहवा का मजा लेना और ज्यादा आनंददायक हो जाएगा.