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इस दुख के आगे बौना है पीड़ा का हर पहाड़, बहन का मुख तक देखना नहीं हुआ नसीब, कलाई में बंधे मौली के धागे और अंगूठी से चित्रलेखा के शव की पहचान - himachal rain news

हिमाचल प्रदेश के शिमला में समरहिल के पास शिव मंदिर पर भूस्खलन के बाद अब भी कई लोग लापता हैं. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रो. पीएल शर्मा, उनकी पत्नी, और एक बेटा भी हादसे में का शिकार हो गए. हालांकि पीएल शर्मा की पत्नी का शव मिल चुका है. वो भी ऐसा हालत में कि शव का धड़ नहीं मिल पाया है. पढ़ें पूरी खबर... (Shimla Shiv Temple Landslide).

Shimla Shiv Temple Landslide
Shimla Shiv Temple Landslide

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Published : Aug 16, 2023, 3:34 PM IST

शिमला:ये दुख ऐसा है, जिसके आगे पीड़ा का बड़े से बड़ा पहाड़ बौना है. समरहिल में शिव मंदिर हादसे में एचपीयू के प्रोफेसर पीएल शर्मा, उनकी पत्नी चित्रलेखा और बेटा इशू मौत के मुंह में समा गए. नियति की क्रूरता देखिए कि अभी पीएल शर्मा व उनके बेटे का पार्थिव शरीर नहीं मिल पाया है. ईश्वर इतना निष्ठुर कैसे हो सकता है कि चित्रलेखा शर्मा की बहन को उनका मुंह तक देखना नसीब नहीं हुआ है. चित्रलेखा का धड़ नहीं मिल पाया है. उनकी बहन ने कलाई में बंधे मौली के धागों और हाथ की अंगुली में पहनी अंगूठी से उनकी पहचान की है. अभी पीएल शर्मा व उनके बेटे का पार्थिव शरीर नहीं मिला है. तीसरा दिन हो गया है, ऐसे में जीवन बचने की उम्मीद न के बराबर है.

पीएल शर्मा एचपीयू में मैथमेटिक्स के प्रोफेसर थे. उनकी पत्नी चित्रलेखा हाउस वाइफ थीं. बेटा इशू अमेरिका से वापस भारत आया था. ये तीनों शिव मंदिर में सावन के आखिरी सोमवार को महादेव को जल चढ़ाने गए थे. इन अभागों को क्या मालूम था कि वे खुद काल का ग्रास बन जाएंगे. पीएल शर्मा का बड़ा बेटा अरुण शर्मा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कार्यरत है. अरुण की आंखें पथराई हुई हैं. वे कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. इस जख्म को न जाने ईश्वर का कौन सा स्वरूप भर पाएगा. बुधवार दोपहर को पोस्टमार्टम के बाद पीएल शर्मा की पत्नी की देह का अंतिम संस्कार करने के लिए ले जाया गया है. अभी परिजनों को पीएल शर्मा व बेटे इशू की देह के मिलने का इंतजार है.

पीएल शर्मा घुमारवीं के रहने वाले थे. संघर्षपूर्ण शैक्षणिक यात्रा में वे पहले जेबीटी टीचर रहे. फिर टीजीटी बने और बाद में स्कूल लेक्चरर के पद पर आए. अपनी मेहनत से उन्होंने एचपीयू में स्थान बनाया. अपने सभी भाइयों को पढ़ाकर उन्होंने काबिल बनाया. शिव मंदिर हादसे का एक दुखद पहलू ये रहा है कि प्रोफेसर मानसी खुद पीएल शर्मा की स्टूडेंट थीं.

उन्होंने पीएल शर्मा की गाइडेंस के अंडर ही मैथ में पीएचडी की. शिक्षण के क्षेत्र से जुड़े डॉ. मामराज पुंडीर ने बताया कि एमएससी की पढ़ाई के दौरान वे प्रोफेसर पीएल शर्मा के स्टूडेंट रहे. ये परिवार सेवाभावी और संस्कारवान परिवार था. इस हादसे ने पीएल शर्मा के परिजनों को कभी न भरने वाला जख्म दिया है. भगवान इतना निष्ठुर कैसे हो गया कि चित्रलेखा शर्मा का शरीर भी पूरा नहीं मिला. चित्रलेखा की बहन भी बेसुध हो रही हैं. उन्होंने किसी तरह हिम्मत करके कलाई में बंधे मौली के धागों और अंगूठी से अपनी बहन के शव की पहचान की है.

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