शिमलाः हिमाचल प्रदेश में प्रवेश के लिए रियायतें मिलते ही प्रदेश में पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. पर्यटकों की आमद बढ़ने से जहां एक ओर पर्यटन कारोबारियों को फायदा हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर इस बीच कोरोना का खतरा भी बढ़ गया है.
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों के प्रवेश पर रियायत देते हुए सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि पर्यटक कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही प्रदेश में प्रवेश आ सकते हैं, लेकिन देखने में यहां आया है कि स्थानीय लोगों के अपेक्षा पर्यटक नियमों का पालन सही तरह से नहीं कर रहे.
प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के घूम कर रहे हैं. ऐसे में प्रदेश में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. आम लोग भी कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन न होने पर चिंता जाहिर कर रहे हैं.
मैदान की चिलचिलाती गर्मी से राहत के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे पर्यटक
इन दिनों देश भर के मैदानी इलाकों में पड़ रही चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक पहाड़ों की रानी का दीदार कर रहे हैं. शिमला सहित हिमाचल के प्रमुख पर्यटन स्थानों पर मौसम बेहद सुहावना बना हुआ है. ऐसे में यह सुहावना मौसम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.
12 जून को शिमला पहुंची 5 हजार से ज्यादा गाड़ियां
11 जून को हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक मैं हिमाचल प्रवेश के लिए आरटी-पीसीआर की अनिवार्यता को खत्म किया गया. हिमाचल में बिना आरटी-पीसीआर के प्रवेश की का फैसला 14 जून से लागू होना था, लेकिन इससे पहले 12 जून के दिन ही हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के शोघी बैरियर से पांच हजार गाड़ियां शिमला में दाखिल हुई. इसी दिन हिमाचल की राज्य सीमा परवाणू पर लंबा जाम देखने को मिला जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई.
14 जून को शिमला पहुंची 3 हजार 100 गाड़ियां
शिमला पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, 14 जून को शिमला के शोघी बैरियर से 3 हजार 100 गाड़ियां शिमला में दाखिल हुई. ऐसे में शिमला पुलिस की जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है.
लोगों से नियमों के पालन की अपील