शिमला:केंद्र सरकार के बजट को लेकर लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है. हालांकि बजट में आयकर सीमा बढ़ाए जाने को लेकर कई लोग खुश हैं, लेकिन कई इसे नाकाफी बता रहे हैं. वहीं, फलों के पैकेजिंग सामग्री, खेती में काम आने वाले उपकरणों और दवाईयों पर जीएसटी की दरों को कम या खत्म न करने को लेकर बागवान और किसान काफी निराश हुए हैं.
किसानों-बागवानों के लिए बजट निराशाजनक-हिमाचल संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने इस बजट को किसानों और बागवानों के लिए निराशाजनक करार दिया है. हरीश चौहान ने कहा है कि किसान और बागवान बजट में पैकेजिंग सामग्री के अलावा कीटनाशकों, फफूंदनाशकों सहित खेती के काम आने वाले उपकरणों पर जीएसटी माफ करने की उम्मीद लगाए हुए थे, मगर सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया. मौजूदा समय में 18-28 फीसदी जीएसटी इन पर लगाई जा रही है.
उन्होंने कहा बागवानी के लिए भी कोई बड़ा बजट केंद्र सरकार ने नहीं दिया है. पूरे देश में बागवानी के लिए 2200 करोड़ का बजट दिया है, उसमें से हिमाचल को कितना मिलेगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पिछली बार यह बजट 1900 करोड़ का था और इस साल इसको करीब 4000 करोड़ रुपए करने की उम्मीद बागवान लगाए हुए थे, लेकिन सरकार ने ऐसा न कर बागवानों की अनदेखी की है.