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MC Shimla Election 2023: आजाद प्रत्याशी और बागी नेता बिगाड़ सकते हैं कांग्रेस-भाजपा का चुनावी समीकरण - नगर निगम शिमला

शिमला नगर निगम चुनावों में राजनीतिक पार्टियों प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत झोंक रही हैं. वहीं, दूसरी ओर आजाद उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी इन राजनीतिक दलों के समीकरण को बिगाड़ सकते हैं. खास कर बागियों से पार्टियों को खासा नुकसान होने की संभावना है. नगर निगम शिमला के चुनावों में इस बार 102 प्रत्याशी मैदान में है.

Independent candidates can damage Congress BJP in MC Shimla Election
एमसी शिमला चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस-भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं

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Published : Apr 23, 2023, 7:00 AM IST

Updated : Apr 23, 2023, 12:06 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में शिमला नगर निगम चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल जोरों-शोरों से प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. वहीं, कांग्रेस भाजपा भी शिमला नगर निगम पर जीत हासिल कर शिमला में अपनी पकड़ को मजबूत बनाना चाहती हैं. लेकिन, दूसरी ओर इस बार शिमला नगर निगम चुनाव में आजाद उम्मीदवार इन राजनीतिक दलों का खेल पलट कर बिगाड़ सकते हैं. शहर में 7 वार्डों में 9 प्रत्याशी आजाद उम्मीदवार के तौर पर अबकी बार चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, इन प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. सबसे ज्यादा परेशानी राजनीतिक दलों को अपनी ही पार्टी के बागियों से है जिन्होंने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर चुनाव को पार्टियों के लिए और ज्यादा मुश्किल बना दिया है.

शिमला शहर के कृष्णा नगर और संजौली के इंजन घर वार्ड में भाजपा और कांग्रेस के बागी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं. ये बागी पार्टी प्रत्याशियों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचा सकते हैं. शिमला नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन वापसी के आखिरी दिन 5 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लिया था. इसके साथ ही अब 102 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है. मौजूदा समय में कांग्रेस और भाजपा ने सभी वार्डों से अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इनके अलावा माकपा ने 4, आम आदमी पार्टी ने 21 वार्डों से अपने प्रत्याशी चुनाव में उतारे हैं. इनके अलावा 7 वार्डों से 9 उम्मीदवार भी अबकी बार चुनाव मैदान में हैं.

इन 7 वार्डों से 9 आजाद प्रत्याशी हैं चुनावी मैदान में: नगर निगम शिमला के 34 वार्डों से 7 वार्डों में आजाद प्रत्याशी हैं. इनमें से कृष्णा नगर में 2, कनलोग में 2 प्रत्याशी आजाद चुनाव लड़ रहे हैं. इनके अलावा ईजनघर, पंथाघाटी, विकासनगर, पटयोग और कंगनाधार वार्ड से भी एक-एक प्रत्याशी आजाद उम्मीदवार के तौर पर अबकी बार चुनावी मैदान में है.

कृष्णा नगर में कांग्रेस-भाजपा के बागी चुनावी मैदान में: नगर निगम शिमला के कृष्णा नगर वार्ड में बागियों ने कांग्रेस और भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कांग्रेस के लिए यहां पर ज्यादा परेशानी है, क्योंकि कांग्रेस के एक बड़े नेता यहां चुनावी मैदान में हैं. सोलन लाल ने टिकट न मिलने से आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र भरा है. सोहन लाल दो बार शिमला नगर निगम के मेयर रहे हैं, ऐसे में उनका अपना एक वोट बैंक है.

उन्होंने यहां से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उनको दरकिनार कर विपिन सिंह को टिकट दे दिया. इससे नाराज सोहन लाल ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. वहीं, बीजेपी कार्यकर्ता रहे राजपाल ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया है. बीजेपी ने यहां से बीटू कुमार को टिकट दिया है, जो कि पहले भी यहां से पार्षद रहे हैं. मगर राजपाल भी टिकट के दावेदार थे. ऐसे में उन्होंने भी बागी उतर कर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.

इंजन घर में भाजपा की पूर्व पार्षद बागी बनकर चुनाव मैदान में उतरीं: भाजपा को सबसे बड़ा झटका संजौली उपनगर के इंजन घर वार्ड में लगा है. यहां पर पिछली बार पार्षद चुनी गई आरती चौहान ने निर्दलीय नामांकन भर कर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. आरती चौहान तेज तरार नेता मानी जाती हैं और उनका वार्ड में भी काफी जनाधार है. हालांकि इंजन घर वार्ड इस बार अनारक्षित हैं, लेकिन आरती चौहान यहां से टिकट का दावा कर रही थीं, क्योंकि भाजपा ने अन्य जगहों से भी पूर्व पार्षदों को चुनावी मैदान में उतारा है. मगर आरती चौहान को यहां से टिकट नहीं दिया गया. इसके विपरीत यहां से विकास थापटा को भाजपा ने टिकट दिया है. टिकट न मिलने से नाराज आरती चौहान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया. हालांकि उनको मनाने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने नामांकन वापस नहीं लिया.

टिकट दावेदारों की नाराजगी कम करने की भाजपा ने की कोशिश: नगर निगम शिमला में टिकट के दावेदारों की नाराजगी कम करने के लिए भाजपा ने कोशिशें भी की हैं. भाजपा के नेता जो मजबूत माने जाते हैं और किसी कारणवश पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया, उनको संगठन में शामिल कर उनकी नाराजगी को कम करने की कोशिश की गई है. बैनमोर से पूर्व पार्षद किमी सूद टिकट की दावेदार थीं, लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया, हालांकि उनको महिला मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया गया.

इसी तरह संजौली के शांति विहार वार्ड से भाजपा नेता राजेंद्र चौहान टिकट के बड़े दावेदार थे, वे पूर्व सरकार के समय नगर निगम शिमला के मनोनीत पार्षद भी रहे हैं. लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया, हालांकि उनको भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में लिया गया है. इसी तरह लोअर ढली से पूर्व डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान को भी भाजपा ने कार्यकारिणी सदस्य बनाया है. हालांकि लोअर ढली का वार्ड अबकी बार महिलाओं के लिए रिजर्व है, मगर शैलेंद्र चौहान की अहमियत को देखते हुए उनको एडजस्ट किया गया है. इस तरह भाजपा ने काफी हद तक संभावित फूट को रोकने के लिए संगठन में एडजस्ट किया है.

माकपा-आप को आजाद प्रत्याशियों से नहीं कोई खतरा: हालांकि माकपा और आम आदमी पार्टी को आजाद प्रत्याशियों से कोई ज्यादा नुकसान नहीं है. क्योंकि माकपा ने मात्र 4 वार्डों में ही अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इसी तरह आम आदमी पार्टी पहली बार शिमला नगर निगम का चुनाव लड़ रही है. जबकि भाजपा और कांग्रेस को आजाद प्रत्याशियों, खासकर बागियों से नुकसान होने की संभावना ज्यादा है. वहीं दो वार्डों में दोनों पार्टियों में खुलकर बगावत हुई है.

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Last Updated : Apr 23, 2023, 12:06 PM IST

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