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आईजीएमसी आग लगने का मामला: जांच के लिए 7 सदस्यीय कमेटी गठित, इस दिन सरकार को सौंपी जाएगी प्राथमिक रिपोर्ट

गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में आग लगने के कारण भारी नुकसान हुआ. वहीं, अग्निकांड की जांच के लिए आईजीएमसी ने सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी शनिवार को प्राथमिक रिपोर्ट सौंपेगी. (shimla igmc fire incident)

shimla igmc fire incident
आईजीएमसी आग लगने के मामले में जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित.

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Published : Apr 28, 2023, 10:51 PM IST

शिमला: गुरुवार 27 अप्रैल को को हिमाचल की राजधानी शिमला के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में आग लग गई. सिलेंडर ब्लास्ट होने के कारण 13वीं मंजिल में भीषण आग लग गई. आईजीएमसी में हुई अग्निकांड के बाद मामले की जांच के लिए प्रिंसिपल डॉक्टर सीता ठाकुर की अध्यक्षता में 7 सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है. कमेटी शनिवार को एक प्राथमिक रिपोर्ट सरकार को भेजेगी और इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके अगले सप्ताह राज्य सरकार को भेजी जानी है.

गौर रहे कि डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने मौके का दौरा किया था और जांच के आदेश दिए थे. उसी निर्देश पर आज आईजीएमसी में एक कमेटी का गठन कर दिया गया जो अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी. घटना के बाद कैंटीन मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया था. बताया जा रहा है कि जिस कैंटीन में आग लगी थी उसका टेंडर भी नहीं हुआ था.

आईजीएमसी में हुई इस अग्निकांड से कई सवाल भी उठ रहे हैं. यदि समय रहते सुरक्षाकर्मी और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी आग पर काबू ना पाते तो आईजीएमसी में बड़ा हादसा हो सकता था. न्यू बिल्डिंग में लोगों को बाहर निकालने के लिए भी रास्ता नहीं मिलता, क्योंकि 13 मंजिल भवन में लिफ्ट और सीढ़ियों से ही रास्ता है. अग्निकांड के कारण लिफ्ट पहले ही खराब हो गई थी. ऐसे में यदि आग पर काबू नहीं पाया जाता तो मरीज तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता था.

आईजीएमसी की नई बिल्डिंग में आग लगने से लाखों का नुकसान.

न्यू ओपीडी में आग लगने के दूसरे दिन भी मरीज परेशान: आईजीएमसी के न्यू ओपीडी भवन के कैंटीन में लगी आग के दूसरे दिन भी मरीजों तिमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा. ओपीडी भवन में आग लगने के बाद मुझसे दिन में ऊपरी भाग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. नई ओपीडी भवन में लगने वाली ओपीडी को पुराने भवन में तो शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन भवन में अन्य इलाज भी होता था जिसमें रेडियोलॉजी के तहत ऑपरेशन होते थे. नई तकनीक से अल्ट्रासाउंड होता था, यह सब बंद रहा जिससे मरीजों को घर वापस जाना पड़ा.

न्यू ओपीडी में आग लगने के दूसरे दिन भी मरीज परेशान

रेडियोलॉजी के तहत होने वाले ऑपरेशन टले: आईजीएमसी के न्यू ओपीडी भवन में रेडियोलॉजी विभाग की मशीनें लगी है जिसमे डेक्सा, अल्ट्रासाउंड जिसके तहत मरीजों का इलाज किया जाता है. इन्हीं मशीनों के तहत प्रतिदिन 8 से 10 ऑपरेशन होते हैं. इस विभाग में प्रतिदिन 15 के लगभग मरीजों का इलाज होता है, लेकिन शुक्रवार को जब दूर दराज से मरीज इलाज के लिए आये तो वहां उन्हें ओपीडी भवन बंद मिला. उन्हें साफ कह दिया गया कि अब सोमवार के बाद ही इलाज होगा. रामपुर से आये मनीष ने बताया कि वह रामपुर से आये हैं, उनका ऑपरेशन होना था. जब वह आईजीएमसी में रेडियोलॉजी विभाग में गए तो उन्हें सोमवार के बाद आने के लिए कहा गया. वहीं, रोहड़ू से आए रमेश को भी बिना इलाज कराए वापस लौटन पड़ा.

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मरीजों को नहीं मिली निशुल्क दवाई: आईजीएमसी के न्यू ओपीडी भवन में 50 नंबर निशुलक दवाई केंद्र भी है, जहां से सैकड़ों मरीजों को दवाइयां दी जाती हैं. लेकिन, आग लगने के बाद सबसे ज्यादा परेशानी दवाई लेने वाले मरीजों को हो रही है. अग्निकांड के बाद न्यू ओपीडी भवन बंद कर दिया गया था. शुक्रवार को भी न्यू ओपीडी भवन बंद रहा और मरीजों और तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

पुरानी ओपीडी में लगी रही मरीजों की भीड़: अग्निकांड के बाद ओपीडी को पुरानी भवन में शिफ्ट कर दिया है. कई ओपीडी एक एक ओपीडी में लग रही है, जिसके कारण ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी रही. कई मरीजों को जमीन पर बैठ कर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा.

ये है ओपीडी का शेड्यूल:मेडिसिन, ओपीडी और मेडिकल सुपर स्पेशलिटी ओपीडी को पुराने मेडिसिन ओपीडी में चलाया जाएगा, सर्जरी ओपीडी पुराने मेडिसिन ओपीडी में लगेगी. ऑर्थो ओपीडी और मनोचिकित्सा ओपीडी पुराने ऑर्थो ओपीडी ग्रीन हाउस में लगेगी. स्किन ओपीडी ओर मनोचिकित्सा ओपीडी पुराने स्किन ओपीडी में लगेगी. चाइल्ड ओपीडी पुराने चाइल्ड ओपीडी में लगेगी. बता दें कि आईजीएमसी में न्यू ओपीडी 9 मार्च से शुरू हुई थी. उसके बाद पूराने भवन में कई जगह वार्ड बना दिये गए हैं.

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