शिमला: पंजाब का एक मुस्लिम परिवार दशहरे पर शिमला के प्रसिद्ध जाखू मंदिर,संकटमोचन और सुन्नी में जलाए जाने वाले रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों को आकार दे रहे हैं. पंजाब के मोगा से आए यह मुस्लिम कारीगर इस बार ही नहीं बल्कि 15 सालों से इन पुतलों को यहां तैयार करते आ रहे हैं.
शिमला में दशहरे के लिए ये मुस्लिम परिवार बनाता है पुतले, पिछले 15 सालों से हिमाचल में कर रहे काम - मुस्लिम कारगिर
राजधानी शिमला में दशहरे के उत्सव के लिए पंजाब का एक मुस्लिम परिवार प्रसिद्ध जाखू मंदिर,संकटमोचन और सुन्नी में जलाए जाने वाले रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों को बना रहा है.
मुस्लिम कारीगरों का कहना है कि इस हुनर का इस्तेमाल वह दो धर्मों के लोगों को एक सूत्र में पिरोने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भले ही वह मुस्लिम समुदाय से संबंध रखते हैं, लेकिन रावण के पुतले बनाने के लिए जिन नियमों का पालन करना चाहिए उन सभी नियमों का वह पालन करते हैं.
बता दें कि राजधानी शिमला में दशहरे को लेकर हर साल इन कारीगरों को पुतले बनाने के लिए बुलाया जाता है. इस बार दशहरे के लिए रावण का 40 फुट पुतला ,मेघनाथ का 35 और कुंभकर्ण का 30 फुट का पुतला तैयार किया जा रहा है.