शिमला: राजधानी शिमला के बुक कैफे में अब कैदी खाने की चीजें और चाय परोसते नजर नहीं आयेंगे. नगर निगम शिमला ने बुक कैफे को जेल विभाग से वापिस लेकर इसका टेंडर कर निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है. शुक्रवार को बैठक में पार्षदों ने बुक कैफे का टेंडर करने की मांग की, जिस पर सदन ने मुहर लगा दी है.
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि बुक कैफे को कैदी चला रहे थे, लेकिन इससे नगर निगम को कोई आय नहीं हो रही थी. इसके कारण बुक कैफे के टेंडर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बुक कैफे रहेगा, साथ ही जेल विभाग के सामान को भी बेचा जायेगा. नगर निगम जिसे भी ये टेंडर अलॉट करेगा उस पर ये शर्तें लागू होगीं.