शिमला में पहाड़ी-हिंदी गानों का तड़का शिमला: मंगलवार शाम को ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में मशोबरा बल्दया दुर्गापुर गुम्मा छात्र एसोसिएशन ने शाने -ए -कोटी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पहाड़ी कलाकार कुलदीप शर्मा, शशि चौहान और बॉबी ठाकुर ने एक से बढ़कर एक पहाड़ी नाटी और हिंदी गीतों पर छात्रों का खूब मनोरंजन किया. इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने मौजूद रहकर कलाकालों का उत्साह बढ़ाया.(Shan e Kothi program in shimla)
युवाओं को मंच मिलता है:कसुम्पटी विधायक और कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इस तरह के आयोजन से युवाओं को मंच मिलता है. इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होते रहना चाहिए, ताकि कलाकरों को आगे बढ़ने का मौका हमेशा मिल सके. उन्होंने यहां की जनता की जीत के आभार जताया. उन्होंने कहा कि यहां के विकास में कोई कमी नहीं छोड़े जाएगी. (Anirudh Singh participated in Shan e Kothi program)
सीधे आकर मिलना:उन्होंने लोगों से कहा कि मुझे सीधे आकर मिलना, किसी की शिफारिश या किसी के माध्य से आने की कोई आवश्यकता नहीं. उन्होंने कहा मैं हमेशा लोगों के लिए उपलब्ध रहूंगा और मेरा कार्यालय भी खुला रहेगा. उन्होंने कहा आजादी के बाद पहली बार इस बार क्षेत्र को मंत्री का पद मिला है. जितना संभव होगा विकास किया जाएगा.इस दौरान मंत्री अनिरुद्ध सिंह का स्वागत किया गया. (Mashobra Baldaya Durgapur Gumma Students Association)
दुनिया में केवल 6 गेयटी थियेटर:साल 1887 में ऐतिहासिक गेयटी थियेटर का निर्माण हेनरी इरविन ने करवाया था. यह ऐतिहासिक इमारत विक्टोरियन गोथिक शैली (Victorian Gothic Style) में बनी है. दिलचस्प बात यह है कि दुनिया में केवल 6 ही गेयटी हैं, जिनमें एक पहाड़ों की रानी शिमला में है. ब्रिटिश शासन काल में ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिमला में थियेटर कलाकार दूर-दूर से प्रस्तुति देने आते थे, लेकिन प्रस्तुति देने के लिए कलाकारों के पास कोई मंच नहीं था.
पुनरुद्धार में 7 करोड़ खर्च:गेयटी थियेटर की एक खास बात यह भी है कि यहां कलाकार बिना माइक प्रस्तुति देते हैं. थियेटर को इस तरह बनाया गया है कि कलाकार की फुसफुसाहट भी आखरी पंक्ति में बैठे दर्शक को आसानी से सुनाई दे जाती है. थियेटर का निर्माण यू शेप में किया गया है.1887 में बने गेयटी थियेटर का साल 2008 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के मुताबिक पुनरुद्धार भी किया गया. इसमें कुल 7 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. मशहूर आर्किटेक्ट वेद सिंघल की देखरेख में पुनरुद्धार के दौरान थियेटर की बनावट से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. केवल यहां लगी मैरून रंग की कुर्सियों को हरे रंग की कुर्सियों के साथ बदला गया.(Historic Gaiety Theater)
फिल्मी हस्तियों की पंसद रहा:देश की मशहूर फिल्मी हस्तियों का हिमाचल और विशेषकर शिमला से खासा लगाव है. ऐसे में शिमला के मशहूर ऐतिहासिक गेयटी थियेटर के जिक्र के बिना यह चर्चा अधूरी है. गेयटी थियेटर से मशहूर अभिनेता शशि कपूर को इस कदर लगाव था कि वे इसे ईंट-दर-ईंट मुंबई ले जाना चाहते थे. गेयटी थियेटर की एक खास बात यह भी है कि यहां कलाकार बिना माइक प्रस्तुति देते हैं.