शिमला: हिमाचल प्रदेश में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में चल रही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को लेकर प्रदेश सरकार चिंतित है. सरकार ने अब अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए हल निकाला है. सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों को कहा है कि जो डॉक्टर 68 साल तक अपनी सेवाएं देना चाहते हैं वह दे सकते हैं. इससे विभिन्न अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर किया जा सकेगा. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में इच्छुक विशेषज्ञ चिकित्सकों को रिटायरमेंट होने के बाद अब 68 साल तक पुन: रोजगार दिया जाएगा.
हिमाचल सरकार ने इसके लिए पॉलिसी में बदलाव कर दिया है. पहले शिमला के आईजीएमसी और कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में ही 62 साल में रिटायर होने वाले डॉक्टरों को 3 साल का पुन: रोजगार देकर 65 साल तक इनकी सेवाएं ली जाती थीं. सरकार ने पॉलिसी में बदलाव करते हुए अब हमीरपुर, नेरचौक, नाहन और चंबा मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देने वाले इच्छुक डॉक्टरों को 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने के बाद 3 साल तक पुन: रोजगार देने का फैसला किया है. ये डॉक्टर अब 68 साल तक सेवाएं दे सकेंगे. विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की.
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