शिमला: केंद्र सरकार ने 34 सालों बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया है. वर्तमान की शिक्षा पद्धति में इस नई एजुकेशन पॉलिसी को लागू कर एजुकेशन सिस्टम को बदला गया. इसे एक नया स्वरूप दिया गया. ऐसे में नई शिक्षा नीति में किए गए नए प्रावधानों को लेकर छात्रों की राय भी अलग-अलग है. अलग-अलग संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों ने शिक्षा नीति को लेकर अपने विचार व्यक्त किए. इसके साथ ही छात्रों ने नई शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर अपने विचार साझा किए. छात्रों ने बताया शिक्षा नीति में बदलाव आवश्यक था. शिक्षा नीति छात्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी, लेकिन पूरी तैयारियों के बाद ही इसे लागू किया जाए.
बेहतर प्लान की आवश्यकता
नई शिक्षा नीति को लाने का स्वागत कॉलेज छात्रों ने किया. उनका मानना है जो बदवाल किए गए गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मददगार साबित होंगें. इस नीति में शिक्षा का वर्गीकरण किया गया है. पहली से बाहरवीं तक की पढ़ाई को अलग-अलग चरण में शामिल किया गया है. इसे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और छात्रों की नींव पक्की होगी. इसके साथ ही छात्रों को अपनी लोकल लैंग्वेज के साथ ही मातृ भाषा सहित विदेशी भाषाओं का भी ज्ञान मिलेगा. हालांकि छात्रों का यह भी मानना है कि यह शिक्षा नीति तभी लाभदायक हो पाएगी जब इस नीति को सही तरीके से लागू किया जाएगा. छात्रों ने बताया नीति को लागू करने से पहले बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर प्लान की जरूरत रहेगी.