स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती पर संगोष्ठी आयोजित, कवियों ने अपनी कविताओं से पुलवामा शहीदों को किया याद
राजधानी के टाउन हॉल में भाषा, कला एवं संस्कृति अकादमी की ओर से स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में स्वामी दयानंद के उपदेशों भारतीय पुर्नजागरण आंदोलन, समाज सुधार, वेद भाषा प्रणाली और संस्कृत के प्रचार प्रसार में अभूतपूर्व योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई.
शिमला: राजधानी के टाउन हॉल में भाषा, कला एवं संस्कृति अकादमी की ओर से स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में स्वामी दयानंद के उपदेशों भारतीय पुर्नजागरण आंदोलन, समाज सुधार, वेद भाषा प्रणाली और संस्कृत के प्रचार प्रसार में अभूतपूर्व योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई. अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह ने कहा कि स्वामी दयानंद की मान्यताओं ने समूचे विश्व को आकृष्ट कर के एक नई दिशा प्रदान की हैं. यही वजह है कि इनके आदर्शों को आज भी आम जन तक पहुंचाने का प्रयास अकादमी कर रही है. संगोष्ठी में स्वामी दयानंद की मान्यताओं की प्रासंगिकता पर शोध पत्र भी डॉ. कुंवर दिनेश ने प्रस्तुत किया.