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लॉक डाउन में सहारा बना ग्रामीण विकास विभाग, स्वयं सहायता समूह बना रहे मास्क, पीपीई किट और सेनिटाइजर - Rural development department meeting with cm

स्वयं सहायता समूह की मदद से करीब 12 सौ 50 लीटर हैंड सेनिटाइजर भी न्यूनतम दामों पर डिमांड के अनुसार कोरोना योद्धाओं तक पहुंचाया गया है. साथ ही राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कई गतिविधियां शुरू की गई है.

Rural development department meeting with cm
सीएम के साथ ग्रामीण विकास विभाग की बैठक

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Published : Apr 22, 2020, 11:59 PM IST

Updated : Apr 23, 2020, 4:25 PM IST

शिमला : ग्रामीण विकास विभाग ने करीब 5 लाख मास्क और लगभग 1 हजार पीपीई किट बनाकर कोरोना योद्धाओं की मदद करने में पहल की है. स्वयं सहायता समूहों की सहायता से तैयार किए जा रहे मास्क और पीपीई किट की कीमत बाजार मूल्य से कहीं कम है. इसके अलावा एक-दो दिनों में स्वयं सहायता समूह की सहायता से एन-95 मास्क की तरह एक मास्क जनता तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे और इसका मूल्य करीब 15 रुपए होगा. यह बात ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशक ललित जैन ने कही.

ललित जैन ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की मदद से करीब 12 सौ 50 लीटर हैंड सेनिटाइजर भी न्यूनतम दामों पर डिमांड के अनुसार कोरोना योद्धाओं तक पहुंचाये गया है. उन्होंने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कई गतिविधियां शुरू की गई है. इसकी एक विस्तृत कार्ययोजना की प्रस्तुति मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष भी दी गई.

ललित जैन ने कहा कि ऐसी ही एक योजना के तहत किचन गार्डन विकसित करने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित कर लगभग 1 बीघा जमीन के लिए कृषि और बागवानी विभाग द्वारा सब्जी बीज किट और फलों के पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह प्रशिक्षित महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को मधुमक्खी के बक्से प्रदान किए जाएंगे. इसके द्वारा तैयार किए जाने वाले शहद को हिम इरा की दुकानों में बेचा जाएगा.

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निदेशक ग्रामीण विकास ने कहा कि एक गांव योजना के तहत भारतीय नस्ल की गाय स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी गरीब किसान महिलाओं को सब्सिडी पर प्रदान की जाएगी. यह योजना पशुपालन विभाग के साथ मिलकर चलाई जाएगी.

वहीं, मुख्यमंत्री के समक्ष दी गई प्रस्तुति में ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा के तहत नई गतिविधियां शुरु करने का भी निवेदन किया. ललित जैन ने कहा कि यूएनएनईटीआई प्रोजेक्ट के तहत ऐसी व्यक्तियों के परिवारों में से 1 सदस्य जिन्होंने मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार पूरा कर लिया है, उन्हें कौशल को बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

ग्रामीण विकास विभाग की प्रेजेंटेशन के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार स्कूली वर्दी की आपूर्ति के लिए शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस कार्य को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से करने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि यह वर्दी महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की जा सकती है, जिन्हें प्रशिक्षित टेलरिंग अध्यापिकाओं की सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.

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Last Updated : Apr 23, 2020, 4:25 PM IST

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