शिमला: अदालती आदेश की अनुपालना यदि समय पर न हो तो राज्य सरकार अतिरिक्त समय के लिए आग्रह करती है. अब हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High court) में ऐसे आग्रह से जुड़ा शपथ पत्र सचिव स्तर के अफसर ही दाखिल करेंगे. सचिव स्तर से नीचे के अफसर ऐसे शपथ पत्र दाखिल नहीं कर सकते. हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि सचिव स्तर के अधिकारी से नीचे के अफसरों के शपथपत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इस बारे में आदेश जारी करते हुए कहा कि अदालत के आदेश की समयबद्ध अनुपालना से जुड़े मामलों में यदि अतिरिक्त समय के आग्रह को लेकर शपथ पत्र दाखिल करना हो तो संबंधित विभाग के सचिव ही प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष इसे दाखिल करें. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने हरि सिंह द्वारा दायर मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह के बहुत सारे मामलों में खाली औपचारिकता के लिए सचिव से निचले स्तर के अधिकारी का शपथ पत्र दाखिल किया जाता है.
हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि इससे यह बताने की कोशिश की जाती है कि मामला राज्य सरकार के विचाराधीन है. इसलिए उन्हें कोर्ट द्वारा पारित आदेश की अनुपालना के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए. हाई कोर्ट के समक्ष आए इस मामले में डीसी कुल्लू ने शपथपत्र दाखिल कर अतिरिक्त समय का आग्रह किया था. हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह के मामलों में सचिव स्तर से नीचे यानी जिलाधीश या निदेशक के शपथ पत्रों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा.
न्यायालय ने कहा कि इस मामले में डीसी को खाली औपचारिकता करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि मामला राज्य सरकार के विचाराधीन है. यदि ऐसा है तो यह संबंधित सचिव का दायित्व बनता था कि वह इस मामले में अपना शपथ पत्र दाखिल कर अदालत को वस्तुस्थिति से अवगत करवाएं. हाई कोर्ट द्वारा पारित इन आदेशों के अनुपालना के लिए प्रतिलिपि प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजने के आदेश पारित किए गए हैं.
ये भी पढ़ें:8 साल की दिहाड़ीदार सेवा अवधि पूरी करने के बाद वर्कचार्ज स्टेट्स वाली याचिकाएं मंजूर, हाई कोर्ट का अहम फैसला