शिमला:स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने आयुष घर द्वार द्वितीय चरण का शुभारंभ किया. इस अवसर पर आयुष विभाग के डायरेक्टर डी-के रतन ने अतिथियों का स्वागत किया और रिपोर्ट पेश की. राजीव सैजल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में किसी प्रकार की चिकित्सा पद्धति में कोई टकराव नहीं है. इस विकट परिस्थिति में ध्यान सिर्फ लोगों की सहायता करने पर है.
आयुष घर द्वार द्वितीय चरण का शुभारंभ
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष घर द्वार कार्यक्रम के दूसरे चरण में पोस्ट आयुष रिहैबिलिटेशन केंद्रों के माध्यम से अनेक स्तरों पर स्वास्थ्य जीवन शैली जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. आयुष आर्ट ऑफ लिविंग, योग भारती के माध्यम से सोशल मीडिया और वर्चुअल कार्यक्रमों के माध्यम से संक्रमण की रोकथाम, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की दिशा में कार्य किए जाने हैं.
आयुर्वेद और एलोपैथी में कोई टकराव नहीं
स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने कहा कि आयुर्वेद और एलोपैथी में किसी प्रकार का टकराव नहीं है. दोनों ही चिकित्सा प्रणालियों की अपनी विशेषताएं हैं. संकट के इस काल में हमें एकजुट होकर लोगों की सहायता करनी चाहिए. फिर चाहे मरीजों को किसी भी चिकित्सा पद्धति से राहत मिल रही हो. वह उन्हें प्रदान की जानी चाहिए.