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पहाड़ों की रानी में चरमरा सकती है सफाई व्यवस्था, सफाई कर्मियों ने दिया 2 दिन का अल्टीमेटम

सफाई कर्मी 15 हजार वेतन देने की मांग कर रहे हैं. सफाई कर्मी लंबे समय से वेतन बढ़ाने को लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं. वहीं सफाई कर्मी हड़ताल पर जाते हैं तो शहर में कूड़ा नगर निगम के लिए बड़ी समस्या बन सकती है.

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Published : Jun 8, 2019, 5:47 PM IST

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में सफाई व्यवस्था चरमराने वाली है. शहर के सफाई कर्मी वेतन न बढ़ाने पर सामूहिक इस्तीफा दे कर फिर से हड़ताल पर जाने वाले हैं. सैहब सोसाइटी के सफाई कर्मियों ने नगर निगम को दो दिन का अल्टीमेटम दे दिया है. नगर निगम वेतन में बढ़ोतरी नहीं करता है तो सफाई कर्मी सोमवार से सफाई व्यवस्था ठप कर हड़ताल पर चले जायेंगे.

सैहब सोसाइटी यूनियन का कहना है कि नगर निगम ने उनका वेतन बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन इस माह भी उन्हें बड़ा वेतन नही दिया गया. यूनियन के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने कहा कि नगर निगम ने वेतन बढ़ाने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस माह सफाई कर्मियों को बड़ा वेतन नहीं दिया गया है और अब सफाई कर्मी कामकाज ठप कर आंदोलन के लिए मजबूर हो गए हैं. नगर निगम को दिन के भीतर बड़ा हुआ वेतन नहीं दिया गया तो सफाई कर्मी दस जून को सामूहिक इस्तीफा दे कर हड़ताल पर चले जायेंगे.

पहाड़ों की रानी में चरमरा सकती है सफाई व्यवस्था

नगर निगम अगले महीने से बड़ा हुआ वेतन देने की बात कर रहा है. नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि निगम सैहब सोसाइटी के कर्मियों उनके पास आये थे और उन्हें अगले महीने से दस फीसदी बड़ा हुआ वेतन जारी करेगा. उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स के साथ कूड़े की फीस को जोड़ने की मांग जायज नहीं है. बिजली और पानी का बिल प्रॉपर्टी टैक्स के साथ नहीं जोड़ा जा रहा है तो कूड़े का कैसे जोड़ा जाएगा.

सफाई कर्मी 15 हजार वेतन देने की मांग कर रहे हैं. सफाई कर्मी लंबे समय से वेतन बढ़ाने को लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं. वहीं सफाई कर्मी हड़ताल पर जाते हैं तो शहर में कूड़ा नगर निगम के लिए बड़ी समस्या बन सकती है.

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