शिमला:प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा की अध्यक्षता में मानसून सीजन को लेकर आपदा प्रबंधन से संबंधित तैयारियों की समीक्षा बैठक हुई का आयोजन किया गया. इस दौरान ओंकार शर्मा ने कहा तैयारियों के अभाव और कार्रवाई में देरी से एक भी बहुमूल्य जीवन न खोने देने की दृष्टि से आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ समय रहते सभी तैयारियां सुनिश्चित कर रहा है.
ओंकार शर्मा ने आधुनिक दौर की प्रौद्योगिकी के प्रयोग पर बल देते हुए कहा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा ‘सचेत’ ऐप विकसित किया गया है, जिसमें स्थानीय स्तर पर आपदा से संबंधित सटीक सूचना नियमित अंतराल पर अपडेट की जाती है. इस ऐप के माध्यम से मौसम संबंधी जानकारी एवं चेतावनी समय पर उपलब्ध होती हैं और किसी स्थान विशेष में आपदा के समय क्या करें अथवा न करें, इसके बारे में भी यह निर्देशित करता है.
ओंकार शर्मा ने बैठक में बांधों एवं जलाशयों में जलस्तर, भूकंप, बादल फटने, बिजली गिरने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की समय पर सूचना उपलब्ध करवाने पर विशेष बल दिया. उन्होंने कहा यह बहुमूल्य मानव जीवन सहित अमूल्य संपदा की रक्षा में यह सहायक होता है. उन्होंने संबंधित विभागों एवं अधिकारियों को बांधों, विद्युत परियोजनाओं और नदी प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा.
उन्होंने नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव, भूस्खलन और बांधों से पानी छोड़ने संबंधी सूचना के आदान-प्रदान के निर्देश भी दिए. ताकि प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए प्रतिक्रिया दलों को समय पर तैयारी कर कार्रवाई के लिए सचेत किया जा सके. उन्होंने जिला प्रशासन को अवैध खनन पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा विशेष तौर पर नदी तटों पर इस तरह की गतिविधियों से क्षरण के कारण सड़कों को क्षति एवं भूस्खलन से दुर्घटनाएं इत्यादि सामने आती हैं.
ओंकार शर्मा ने कहा बरसात के दौरान विभिन्न स्थानों पर पुलों एवं सड़कों के टूटने, पेयजल आपूर्ति योजनाओं के बहने, पेयजल आपूर्ति पाईपों और विद्युत आपूर्ति तारों एवं खम्बों के टूटने से परिवहन सेवाओं, पेयजल व विद्युत आपूर्ति इत्यादि में बाधा पहुंचती है. उन्होंने संबंधित विभागों को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए समय पर एवं त्वरित कार्रवाई करते हुए हानि को कम करने की दिशा में कार्य करने को कहा.
उन्होंने संबंधित विभागों को सड़कों के किनारे एवं अन्य नालियों को साफ रखने और खतरा संभावित क्षेत्रों में मशीनों, आधुनिक उपकरणों एवं मानव संपदा की समुचित तैनाती के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा राज्य में स्थित छोटे बांधों को बांध सुरक्षा अधिनियम-2021 के अन्तर्गत लाया जाए और भविष्य में निर्मित होने वाले बांधों को भी इस अधिनियम के तहत निर्धारित मापदंडों के अनुसार निर्मित किया जाए.
ओंकार शर्मा ने बताया राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, होमगार्ड्स और भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के अतिरिक्त राज्य में आपदा और अन्य आपात स्थिति में राहत एवं बचाव के लिए 15 हजार ‘आपदा मित्र’ एवं राज्य स्वयंसेवक तैयार किए गए हैं. उन्होंने कहा बरसात के मौसम के दृष्टिगत प्रदेशभर में आवश्यक उपकरणों के साथ चेतावनी दलों समुचित तैनाती सुनिश्चित की जाए.
बैठक के दौरान जिला उपायुक्तों को वित्तीय मामलों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली में प्रविष्टि दर्ज करने और निरंतर डेटा अद्यतन करने के भी निर्देश दिए गए. इस बैठक में भारतीय मौसम विभाग के निदेशक, केंद्रीय जल आयोग शिमला के निदेशक, ऊर्जा विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, होमगार्डस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. जबकि सभी जिले के डीसी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़ें.
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