शिमलाः कोरोना से लड़ाई में आयुर्वेद की बड़ी भूमिका है. जैसे ही कोरोना की पहली लहर आई थी, लोगों ने काढ़ा पीना शुरू कर दिया था और लोग घरेलू नुस्खे भी अपना रहे थे. एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर से देश जूझ रहा है. ऑक्सीजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे हैं. ऐसे में कोरोना से बचने के लिए आयुर्वेद किन दवाइयों की सलाह देता है, किन घरेलू नुस्खों से इस महामारी से बचा जा सकता है. इस बारे में ईटीवी भारत की टीम ने एमडी आयुर्वेद डॉक्टर अनुराग विजयवर्गीय से खास बातचीत की.
बातचीत में अनुराग विजयवर्गीय ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया कोरोना का प्रकोप झेल रही है. कोरोना से बचने के लिए हमें जीवन शैली से जुडी बातों का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के पुराने ग्रन्थों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का वर्णन मिलता है. कोरोना संक्रमण विषाणु यानी वायरस जनित रोग है, जो व्यक्ति के श्वसन तंत्र पर आक्रमण करता है और कुछ ही दिनों में रोगी को गंभीर अवस्था में पहुंचा देता है. आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार सबसे पहले हमें 'स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम्’ अर्थात जो स्वस्थ हैं, उनको कैसे स्वस्थ रखा जाए, इसके विषय में सोचना होता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली चीजों का करें प्रयोग
उन्होंने कहा हमें नियमित रूप से च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए. साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली चीजें जैसे अश्वगंधा टेबलेट, अश्वगंधा चूर्ण, अश्वगंधा रिष्ट आदि का प्रयोग करना चाहिए. आंवला, नींबू पानी, नीम और गिलोय का भी हमें नियमित सेवन करते रहना चाहिए. उन्होंने जिन व्यक्तियों को खांसी या दमे की शिकायत है उन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए. खाना चबाचबा कर खाना चाहिए और रात को ठंडी चीजों का सेवन करने से बचे.
फास्टफूड खाने से करें परहेज
उन्होंने कहा कि रात के समय कम भोजन करें हो सके तो सूर्य अस्त से पहले ही भोजन कर लें और खासकर फास्टफूड का सेवन न करें, क्योंकि इनका सेवन करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. उन्होंने कहा कि खांसी या कमजोरी होने की स्थिति में मुनक्का का प्रयोग करें और बुखार आने पर महासुदर्शन घनवटी की 2-2 गोलियां सुबह और शाम को लें. आयुष काढ़े का भी नियमित सेवन करते रहें. शहद का भी नियमित रूप से प्रयोग करें और गर्म पानी पीएं.