रामपुर: कोरोना संकट के बीच जिला शिमला के सेब बहुल इलाकों में स्कैब रोग के बढ़ने से बागवान काफी चिंतित हैं. बागवानों की माने तो समय रहते अगर इस बीमारी पर काबू नहीं पाया गया तो, आने वाले समय में बागवानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा.
वहीं, उद्यान विभाग के अधिकारी बलवीर चौहान ने बताया स्कैब रोग अधिकतर उन क्षेत्रों में फैलता है, जहां पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं पड़ती. उन्होंने बताया कि जहां पर अधिक बारिश होती है और बागों में अधिक नमी होती है, ऐसे क्षेत्रों में स्कैब रोग के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, बलबीर चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि स्कैब हिमाचल में सबसे पहले सन 1981 से 1982 के आस-पास पाया गया था.
उद्यान विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस साल एक बार फिर से यह रोग सेब के पेड़ों में देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार स्कैब रोग की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा टीम का गठन कर दिया गया है. जिसके बाद विशेषज्ञ की टीम मौके पर जाकर स्कैब रोग की रोकथाम के लिए बागवानों को जानकारी देगी.