शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने सेवानिवृत शिक्षकों द्वारा दायर याचिकाओं की प्रारंभिक सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार के वित्त सचिव सहित शिक्षा सचिव और हिमाचल प्रदेश महालेखाकार को नोटिस जारी किए. मामले पर सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित की गई है. प्रार्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अभी तक कोई वित्तीय लाभ नहीं दिए.
प्रार्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2022 को संशोधित वेतनमान संबंधी नियम बनाए. इन नियमों के तहत सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाया और कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से यह लाभ देने की घोषणा की. प्रार्थियों का कहना है कि वे भी संशोधित वेतनमान की बकाया राशि पाने के हकदार हैं. क्योंकि वे 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत हुए थे. 25 फरवरी 2022 को सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधन कर 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत होने वाले कर्मियों की डीसीआर ग्रेच्यूटी की सीमा 10 लाख से 20 लाख कर दी थी. 17 सितंबर 2022 को सरकार ने कार्यालय ज्ञापन जारी कर वित्तीय लाभ देने के लिए किश्तें बनाई, जिसके अनुसार वित्तीय लाभों की बकाया राशि का भुगतान पांच किश्तों में करने का प्रावधान बनाया गया.