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हिमाचल के खाली खजाने का इफेक्ट: जिस राज्य में की सेवा, महंगाई भत्ते को लेकर उसे ही छोड़ रहे आईएएस - सात रिटार्यड आईएएस ने पेंशन के लिए केंद्र को चुना

हिमाचल में सेवाएं देकर रिटायर हुए कुछ आईएएस अधिकारी अब पेंशन के लिए केंद्र का विकल्प ले रहे हैं. कारण साफ है कि हिमाचल पर 75 हजार करोड़ का कर्ज है औय यह खाली खजाने का इफेक्ट है. सिविल सर्विसेज के अधिकारियों के पास पेंशन के लिए राज्य और केंद्र, दोनों में से कहीं भी रहने का विकल्प होता है.

हिमाचल के खाली खजाने का इफेक्ट
हिमाचल के खाली खजाने का इफेक्ट

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Published : Feb 23, 2023, 10:40 AM IST

शिमला: खजाना खाली हो जाए तो सबको अपने वित्तीय हितों की चिंता सताने लगती है. हिमाचल की मौजूदा सरकार के साथ ऐसा ही हो रहा है. प्रदेश में सेवा देकर रिटायर हुए कुछ आईएएस अधिकारी अब पेंशन के लिए केंद्र का विकल्प अपना रहे हैं. कारण ये है कि हिमाचल में अभी सरकार महंगाई भत्ता यानी डीए देने की स्थिति में नहीं है. डीए का अमाउंट पेंशन में जुड़ता है. सुखविंदर सिंह सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि राज्य में अभी डीए व एरियर मिलने की आशा न रखें.

पेंशन के लिए केंद्र का विकल्प: इसके लिए उन्होंने समय मांगा है. यही कारण है कि हिमाचल में सेवाएं देकर रिटायर हुए कुछ आईएएस अधिकारी अब पेंशन के लिए केंद्र का विकल्प ले रहे हैं. सिविल सर्विसेज के अधिकारियों के पास पेंशन के लिए राज्य और केंद्र, दोनों में से कहीं भी रहने का विकल्प होता है. वे केंद्र के पूल में भी रह सकते हैं और राज्य के पूल में भी.चूंकि हिमाचल में डीए मिलने की स्थिति नहीं दिख रही, लिहाजा कुछ ने केंद्र में जाने का विकल्प चुना. हाल ही में केंद्र सरकार ने 4 फीसदी डीए का ऐलान किया है. उससे पहले हिमाचल में 7 फीसदी डीए अभी लंबित पड़ा है. इस तरह कुल डीए 11 फीसदी देय हो जाएगा.

कई अफसरों के नाम सामने कई के नहीं:राज्य सरकार इसे जल्द अदा करने की स्थिति में नहीं है. उधर, केंद्र सरकार डीए देने में राज्यों के मुकाबले कम समय लेती है. इन्हीं कारणों से हिमाचल में स्थिति ये है कि एक महीने में कम से कम 7 रिटायर आईएएस अधिकारियों ने पेंशन के लिए केंद्र सरकार का विकल्प चुन लिया है. चूंकि हिमाचल की आर्थिक स्थिति कमजोर है, लिहाजा आने वाले समय में पेंशन की अदायगी में भी दिक्कतें आ सकती हैं. फरवरी महीने में हिमाचल के सेवा निवृत आईएएस अफसरों बलवीर टेगटा, भागमल नांटा और हंसराज शर्मा ने पेंशन के लिए केंद्र सरकार का विकल्प लिया. इससे पहले भी कुछ अफसरों ने केंद्र का विकल्प लिया है, लेकिन उनका नाम सामने नहीं आ रहा.

अफसरों की संख्या में इजाफे की संभावना:बताया जा रहा है कि ऐसे 7 अधिकारी हैं और निकट भविष्य में ये संख्या बढ़ेगी.आईएएस के पास सेवानिवृत होने के बाद राज्य अथवा केंद्र का विकल्प पेंशन के लिए रहता है. अब तक देखा गया है कि पेंशन के लिए सभी राज्य का ही विकल्प चुनते रहे हैं. अब आने वाले समय के संकट के देखते हुए केंद्र के विकल्प का फार्म भरा जा रहा है.जहां तक महंगाई भत्ते का सवाल है तो हिमाचल प्रदेश में अभी सरकार ने कर्मचारियों व अफसरों को 31 फीसदी डीए ही दिया है. केंद्र सरकार ने पूर्व में 7 फीसदी डीए और घोषित किया था. जिस कारण डीए बढ़कर 38 फीसदी हो गया.

हिमाचल पर 75 हजार करोड़ का कर्ज:अब 4 फीसदी और मिलने वाला है. ऐसे में ये 42 प्रतिशत हो जाएगा. यानी राज्य सरकार को अब 11 फीसदी देय डीए देय हो जाएगा. देखा जाए तो जनवरी 2022 से 4 प्रतिशत और जुलाई 2022 से तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते की 2 किस्तें अभी देने के लिए बाकी है. हिमाचल प्रदेश पर अभी 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है. हिमाचल को अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशनर्स को पेंशन देने में परेशानी आने के आसार हैं.

बिना कर्ज काम नहीं चल सकता:बिना कर्ज लिए काम नहीं चल सकता. डीए व नए वेतन आयोग की देनदारी ही 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक है. इसलिए कर्मचारियों व पेंशनर्स को डीए देने में राज्य सरकार के हाथ-पांव फूले हुए हैं. ऐसे में यदि सेवानिवृत आईएएस अधिकारी पेंशन के लिए केंद्र का विकल्प ले रहे हैं तो ये राज्य सरकार के लिए सोचने का विषय है. वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय अंथ्वाल का कहना है कि इसी महीने रिटायर्ड आईएएस ने पेंशन के लिए केंद्र का फार्म भरा है. कारण ये है कि उन्हें लगता है कि जो डीए पेंशन में जुड़ना है वो राज्य सरकार फिलहाल देने की स्थिति में नहीं है.

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