शिमला: खजाना खाली हो जाए तो सबको अपने वित्तीय हितों की चिंता सताने लगती है. हिमाचल की मौजूदा सरकार के साथ ऐसा ही हो रहा है. प्रदेश में सेवा देकर रिटायर हुए कुछ आईएएस अधिकारी अब पेंशन के लिए केंद्र का विकल्प अपना रहे हैं. कारण ये है कि हिमाचल में अभी सरकार महंगाई भत्ता यानी डीए देने की स्थिति में नहीं है. डीए का अमाउंट पेंशन में जुड़ता है. सुखविंदर सिंह सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि राज्य में अभी डीए व एरियर मिलने की आशा न रखें.
पेंशन के लिए केंद्र का विकल्प: इसके लिए उन्होंने समय मांगा है. यही कारण है कि हिमाचल में सेवाएं देकर रिटायर हुए कुछ आईएएस अधिकारी अब पेंशन के लिए केंद्र का विकल्प ले रहे हैं. सिविल सर्विसेज के अधिकारियों के पास पेंशन के लिए राज्य और केंद्र, दोनों में से कहीं भी रहने का विकल्प होता है. वे केंद्र के पूल में भी रह सकते हैं और राज्य के पूल में भी.चूंकि हिमाचल में डीए मिलने की स्थिति नहीं दिख रही, लिहाजा कुछ ने केंद्र में जाने का विकल्प चुना. हाल ही में केंद्र सरकार ने 4 फीसदी डीए का ऐलान किया है. उससे पहले हिमाचल में 7 फीसदी डीए अभी लंबित पड़ा है. इस तरह कुल डीए 11 फीसदी देय हो जाएगा.
कई अफसरों के नाम सामने कई के नहीं:राज्य सरकार इसे जल्द अदा करने की स्थिति में नहीं है. उधर, केंद्र सरकार डीए देने में राज्यों के मुकाबले कम समय लेती है. इन्हीं कारणों से हिमाचल में स्थिति ये है कि एक महीने में कम से कम 7 रिटायर आईएएस अधिकारियों ने पेंशन के लिए केंद्र सरकार का विकल्प चुन लिया है. चूंकि हिमाचल की आर्थिक स्थिति कमजोर है, लिहाजा आने वाले समय में पेंशन की अदायगी में भी दिक्कतें आ सकती हैं. फरवरी महीने में हिमाचल के सेवा निवृत आईएएस अफसरों बलवीर टेगटा, भागमल नांटा और हंसराज शर्मा ने पेंशन के लिए केंद्र सरकार का विकल्प लिया. इससे पहले भी कुछ अफसरों ने केंद्र का विकल्प लिया है, लेकिन उनका नाम सामने नहीं आ रहा.