शिमला: राजधानी शिमला में मजदूरों को राशन न देने सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा के आरोपों को शिमला जिला प्रशासन ने सिरे से नकार दिया है. प्रशासन का दावा है कि शिमला जिला में 20 हजार लोगों को राशन दिया जा रहा है, जबकि शहर में 7500 जरूरतमंदों को राशन मुहैया करवाया जा रहा है.
शिमला जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि जिला में पर्याप्त मात्रा में राशन है और सात एनजीओ शहर में राशन का वितरण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुरु सिंह सभा लोगों को पका हुआ खाना दे रही है, जबकि अन्य एनजीओ शहर में मजदूरों और जरूरतमंदों को हर रोज राशन दे रहे हैं. जिला में जहां से भी राशन की मांग आ रही है, उसी वक्त लोगों को राशन पहुंचाया जा रहा है.
जामा मस्जिद के मजदूरों पर डीसी ने कहा कि इन लोगों के साथ कई बार बैठक की गई है. इन लोगों को राशन दिया जा रहा है, लेकिन ये अपने घर वापिस जाना चाहते हैं, जिसकी अनुमति सरकार दे सकती है. उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद के लोगों को पका हुआ खाना भी ऑफर किया गया, लेकिन इन लोगों ने लेने से मना कर दिया. अमित कश्यप ने कहा कि जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और लोगों को जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए हर रोज तीन घंटे की छूट दे रहा है.
बता दें कि सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा ने प्रशासन पर राशन वितरित करने में भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं और सोमवार को वो डीसी ऑफिस में धरने पर बैठे रहे. इसी बात को लेकर विधायक की एक अधिकारी के साथ गहमा-गहमी भी हो गई थी और एसडीएम नीरज चांदला ने मामले बीच बचाव किया था.
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