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हिमाचल में दांव पर पीएम मोदी और जेपी नड्डा की प्रतिष्ठा, अनुराग और जयराम के सामने खुद को साबित करने की चुनौती

हिमाचल में बीजेपी इस बार सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. जो कि पिछले करीब 37 साल से हिमाचल में नहीं हुआ है. ऐसे में बीजेपी के कई दिग्गजों की साख दांव पर है लेकिन सबसे ज्यादा पीएम मोदी और जेपी नड्डा की प्रतिष्ठा दांव पर होगी. आखिर क्यों, जानने के लिए पढ़ें (Himachal Election 2022) (PM Modi in Himachal Election) (Reputation of PM Modi at stake in Himachal Poll)

दांव पर प्रतिष्ठा
दांव पर प्रतिष्ठा

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Published : Nov 4, 2022, 8:20 PM IST

शिमला :हिमाचल की सभी 68 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को वोटिंग होनी है. बीजेपी इस बार हिमाचल में सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है और इसके लिए पार्टी ने प्रचार में पूरी जान फूंक दी है. पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों को प्रचार के लिए उतार दिया है. दरअसल हिमाचल चुनाव में इस बार बीजेपी की सरकार ही नहीं बल्कि कई बड़े चेहरों की साख भी दांव पर है. इनमें पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम शामिल है. एक ही पार्टी के होने के अलावा हिमाचल से इनका कनेक्शन भी इनमें कॉमन है. जयराम ठाकुर के अलावा अन्य तीन चेहरे चुनावी मैदान में भले ना हों लेकिन उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है. (Himachal Election 2022) (PM Modi in Himachal Election)

नरेंद्र मोदी का दूसरा घर हिमाचल- पीएम मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं. नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले करीब 5 साल हिमाचल के प्रभारी रहे हैं. यही वजह है कि वो हिमाचल की भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों से अच्छी तरह से वाकिफ हैं. हिमाचल में साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनी थी और तबसे हिमाचल में नरेंद्र मोदी के लगभग हर जिले का दौरा कर चुके हैं. चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले भी वो मंडी, बिलासपुर, ऊना और चंबा में जनसभा को संबोधित करने के साथ-साथ कुल्लू दशहरे में शिरकत कर चुके हैं. (Reputation of PM Modi at stake in Himachal Poll) (Big Guns reputation at stake in HP Poll)

पिछले 5 सालों में केंद्र सरकार की कई परियोजनाएं हिमाचल के हिस्से आई हैं. जिसका श्रेय बीजेपी लेती है और नरेंद्र मोदी हर बार हिमाचल को अपना दूसरा घर बताकर महफिल लूट लेते हैं. प्रधानमंत्री देश-विदेश में हिमाचल की टोपी पहने और शॉल ओढ़े नजर आ जाते हैं, यहां की पेंटिग्स, शिल्प कला, देव संस्कृति, खान-पान का जिक्र भी वो कई मंचों पर कर चुके हैं. कुल मिलाकर वो हिमाचल के ब्रांड एबेंसडर के तौर पर खुद को प्रचारित भी करते हैं. प्रधानमंत्री होने के नाते वो हिमाचल में भी पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक हैं. कांग्रेस बीजेपी पर मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने का भी आरोप लगाती रही है. 2014 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2019 का, या फिर 2017 का विधानसभा चुनाव, पार्टी को नरेंद्र मोदी के चेहरे का फायदा मिला है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी ने हिमाचल की चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में इस बार के हिमाचल चुनाव में नरेंद्र मोदी की साख भी दांव पर रहने वाली है.

जेपी नड्डा का मिशन हिमाचल- जेपी नड्डा आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष हैं लेकिन उनकी पहचान हिमाचल के बिना अधूरी है. हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं. साल 1993 और फिर 1998 में वो दो बार बिलासपुर से विधायक रहे, इस दौरान वो हिमाचल सरकार में मंत्री भी रहे हैं. मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका निभा चुके जेपी नड्डा मौजूदा वक्त में हिमाचल से ही राज्यसभा सांसद हैं. इस साल हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में 4 राज्यो में जीत का सेहरा भी अध्यक्ष होने के नाते जेपी नड्डा के सिर बंधा लेकिन उनकी सामने असली चुनौती हिमाचल प्रदेश में सरकार रिपीट करने की है.
चुनावी साल में जेपी नड्डा हिमाचल के कई दौरे कर चुके हैं. दिल्ली से लेकर शिमला तक कई बैठकें कर चुके हैं. टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार का खाका खींचने तक में उनकी अहम भूमिका रही है. इन दिनों वो हिमाचल में चुनाव प्रचार में जुटे हैं, बागियों को मनाने से लेकर प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने तक की भूमिका निभा रहे हैं. क्योंकि इस बार हिमाचल का मिशन पूरा करने की जिम्मेदारी जेपी नड्डा के कंधों पर है. इसलिये इन चुनावों में हिमाचल चुनाव में जेपी नड्डा की साख भी दांव पर होगी. (Reputation of JP Nadda at stake in HP Poll)

अनुराग ठाकुर को 17 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी-अनुराग ठाकुर चौथी बार हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. मोदी सरकार में राज्य मंत्री के बाद अब केंद्रीय मंत्री की भूमिका निभा रहे हैं. भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बीसीसीआई अध्यक्ष तक की भूमिका निभा चुके अनुराग ठाकुर की पहचान पार्टी में एक युवा चेहरे और अच्छे वक्ता की रही है. देशभर के राज्यों में वो पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका में रहते हैं लेकिन उनकी असली परीक्षा हिमाचल में हैं. जहां उन्हें फिर से बीजेपी का कमल खिलाने की जिम्मेदारी मिली है. वैसे तो अनुराग ठाकुर इन दिनों पूरे प्रदेश में एक्टिव हैं लेकिन उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी उन 17 सीटों पर जीत का परचम लहराने की है, जो उनके हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है. अनुराग ठाकुर भी बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं ऐसे में वो प्रदेशभर में चुनाव प्रचार तो कर रहे हैं लेकिन हिमाचल चुनाव में अनुराग ठाकुर की प्रतिष्ठा दांव पर उन 17 सीटों पर होगी जो हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आते हैं. (Reputation of Anurag Thakur at stake in Himachal Poll)

जयराम ठाकुर बदल पाएंगे रिवाज़ ?-इस बार हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने रिवाज बदलने का नारा दिया है. दरअसल हिमाचल प्रदेश में 1985 के बाद से कोई भी पार्टी सरकार रिपीट नहीं कर पाई है. पिछले 37 साल से हिमाचल में सत्ता बीजेपी और कांग्रेस के पास आती-जाती रही है. लेकिन इस बार बीजेपी दावा कर रही है कि वो हिमाचल में ये रिवाज बदलेंगे और इस बार हिमाचल में बीजेपी की सरकार रिपीट करेंगे. बीजेपी के इस मिशन रिपीट में पहली बार मुख्यमंत्री बने जयराम ठाकुर की साख दांव पर है.


दरअसल साल 2017 में बीजेपी ने हिमाचल में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को सीएम फेस बनाया था. लेकिन धूमल सुजानपुर सीट से चुनाव हार गए, जिसके बाद दिल्ली से शिमला तक मंथन का लंबा दौर चला. नड्डा से लेकर अनुराग तक कई नाम रेस में आए और गए लेकिन बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने जयराम ठाकुर के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजा दिया. 5 बार विधायक रहे जयराम ठाकुर हिमाचल सरकार में मंत्री रहने के अलावा हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. यानी अब उन्हें सरकार से लेकर संगठन तक का अनुभव हो चला है. अब देखना होगा कि इस बार मिशन रिपीट में जयराम कामयाब हो पाते हैं कि नहीं क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो हिमाचल में 37 साल बाद रिवाज़ बदलेगा और जयराम ठाकुर ऐसा करने वाले पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री होंगे.

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