शिमला:कुल्लू जिले के मणिकर्ण में पंजाब से आए सैलानियों ने दंगे जैसी स्थिति पैदा कर दी थी. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने इस हुड़दंग को लेकर अदालत में रिपोर्ट पेश की. पुलिस विभाग की जांच में मीडिया रिपोर्ट्स सही साबित हुई हैं. सरकार ने अदालत ने स्वीकार किया कि हुड़दंगियों ने मणिकर्ण में मंदिर, घरों व दुकानों के साथ-साथ वाहनों में भी तोडफ़ोड़ की है. इससे इलाके में दस लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है.
सरकार की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद हाईकोर्ट ने फिर से ताजा स्टेट्स रिपोर्ट्स तलब की है. अदालत की सख्ती के बाद पुलिस ने आनन-फानन में एसआईटी का गठन किया था. सेंट्रल रेंज के डीआईजी मधुसूदन एसआईटी के मुखिया बनाए गए हैं. सोमवार को हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. सरकार ने खंडपीठ के समक्ष स्टेट्स रिपोर्ट पेश की.
रिपोर्ट में सरकार की तरफ से अदालत को अवगत करवाया गया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. मणिकर्ण आने वाले सभी वाहनों की तलाशी ली जा रही है. शांति बनाए रखने के लिए बटालियन के जवानों को तैनात किया गया है. कुल्लू के एसपी, एएसपी व डीएसपी को निगरानी के लिए तैनात किया गया है. राज्य सरकार ने मणिकर्ण और कसोल में हुड़दंगियों से निपटने के लिए अदालत के समक्ष सुझाव भी पेश किए हैं.
थाना खोलने का सुझाव-रिपोर्ट में मणिकर्ण में पुलिस के कम से कम चालीस कर्मचारियों व अधिकारियों के अमले के साथ पुलिस थाना खोलने का सुझाव दिया गया है. अदालत को बताया गया कि अब मणिकर्ण और कसोल में हुड़दंगियों पर सीसीटीवी की पैनी नजर रहेगी. सरकार ने संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 10 लाख रूपये की राशि मंजूर की है. हाथीथान-भुंतर और सुमा रोपा में 24 घंटे नाकाबंदी के आदेश दिए गए हैं.
क्या है पूरा मामला-हिमाचल हाईकोर्ट ने 6 व 7 मार्च को मीडिया में आई हुड़दंग व तोडफ़ोड़ की खबरों पर संज्ञान लिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाबी पर्यटकों ने रविवार 5 मार्च की दोपहर को मनाली के ग्रीन टैक्स बैरियर पर हंगामा किया. बैरियर पर पंजाब से आए सैलानी वहां श्रमिकों से बहसबाजी करने लगे और करीब 100 मोटरसाइकिल सवार सड़क पर जमा होकर नारेबाजी करने लगे. हंगामे के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई.