शिमला:प्रदेश की सियासत में निगम चुनाव को शोर था,लेकिन अपराध की दुनिया के खिलाड़ी भी अलग-अलग जगहों पर वारदातों को अंजाम देकर जिम्मेदारों को चुनौती देकर मुंह चिढ़ा रहे थे. बड़ी वारदातें जब सुर्खियां बनीं तो एक बार ऐसा लगा जैसे पुलिस ने अपराधियों को देखकर अपनी आंखों ही बंद कर ली हों.
6 अप्रैल को जिला कांगड़ा-पुलिस थाना नगरोटा बगवां, धर्मशाला और पालमपुर में प्रचार का शोर थम चुका था और अगली सुबह प्रशासन चुनावों को कराने के लिए मुस्तैदी से जुटा था, लेकिन उसी दरमियान रिन नाम के स्थान पर गाड़ी के अंदर अधजली लाश मिलने की खबर ने सबको चौका दिया. इस वारदात को पुलिस हत्या मानकर जांच की दिशा में आगे तो बढ़ रही है, लेकिन इस हत्याकांड के पीछे कितने किरदार पर्दे के पीछे हैं इसके बारे में पुलिस के पास सिर्फ हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं हैं. पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान 27 वर्षीय पंकज चौधरी के तौर पर की गई है, बदमाशों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
नहीं खुला हत्या का राज
7 अप्रैल को जिला ऊना-पुलिस थाना गगरेट के गांव जाडला कोईड़ी में धार्मिक संस्थान के सेवादार की ओर से 22 वर्षीय युवती की हत्या कर गाढ़ देने की बात जब आग की तरह फैली तो लोगों के गुस्से के सामने पुलिस महकमे की सांसें फूल गईं. दिनभर आरोपी को अपने हवाले करने के लिए लोगों का हुजूम पुलिस जवानों पर पत्थरबाजी कर धक्कामुक्की करता रहा. आक्रोशित भीड़ ने पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया. आरोपी को भले ही काफी मशक्कत के बाद वहां से पुलिस गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन आरोपी को कैसे निकाला जाए इसके लिए आला अधिकारियों को बाकायदा रिहर्सल करनी पड़ी. इस कहानी के आज के सूरत-ए-हाल की बात की जाए तो हत्या किन कारणों से आरोपी ने की यह राज तो पुलिस नहीं खोल रही है, लेकिन कोर्ट ने आरोपी को आज पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
जैसे सामान की सिफ्टिंग कर रहे हो