हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

27 करोड़ की लागत से बचाया जाएगा रिज का अस्तित्व, माइक्रो पाइल्स तकनीक से बनेगा स्ट्रक्चर

By

Published : Apr 10, 2021, 4:51 PM IST

ऐतिहासिक रिज मैदान के धंसते हिस्से का मरम्मत कार्य जल्द शुरू होगा. रिज के हिस्से को 27 करोड़ से सुरक्षित किया जाएगा. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि रिज का एक हिस्सा काफी समय से धंस रहा है और अब इस रिज को बचाने के लिए जल्द ही काम शुरू किया जाएगा.

sunken portion of the historic ridge ground
फोटो.

शिमलाः ऐतिहासिक रिज मैदान के धंसते हिस्से का मरम्मत कार्य जल्द शुरू होगा. रिज के हिस्से को 27 करोड़ से सुरक्षित किया जाएगा. हालांकि पहले 15 करोड़ बजट रखा गया था, लेकिन स्मार्ट सिटी के बाद इस पर 12 करोड़ और अधिक खर्च करने का प्रस्ताव निगम ने कंपनी को भेजा है. नए डिजाइन के मुताबिक अब रिटेनिंग वॉल की लंबाई 70 मीटर बढ़ा दी गई है. इसकी चौड़ाई 10 मीटर होगी. इससे रिज की चौड़ाई करीब 33 फीट बढ़ जाएगी. यह रिटेनिंग वॉल पद्मदेव परिसर से लेकर टाउन हॉल तक लगाई जाएगी. रिटेनिंग वॉल की ऊंचाई इतनी ज्यादा होगी कि इसमें तीन मंजिल तक बन जाएंगी. डंगे को गेयटी के साथ जोड़ा जाएगा.

महापौर सत्या कौंडल ने बताया

नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि रिज का एक हिस्सा काफी समय से धंस रहा है और अब इस रिज को बचाने के लिए जल्द ही काम शुरू किया जाएगा. इस पर पहले 15 करोड़ खर्च आ रहा था, लेकिन अब इसकी राशि बढ़ गई है. स्मार्ट सिटी के तहत इसका प्रावधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसका काम लोकनिर्माण विभाग को सौंपा गया है और 5 मई तक इसका टेंडर जारी करने की बात कही है. रिज के हिस्से की सोयल टेस्टिंग का काम होने से इसमें कुछ देरी हुई है, लेकिन अब आईआईटी रुड़की ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और जल्द ही इसका काम शुरू किया जाएगा.

वीडियो.

माइक्रो पाइल्स तकनीक से बनेगा स्ट्रक्चर

शिमला का रिज मैदान की धंसते हिस्से को बचाने के लिए मिट्टी का कटान नहीं होगा, बल्कि माइक्रो पाइल्स(पिल्लर) तकनीक से बनाया जाएगा. आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने इसका स्ट्रक्चर माइक्रो पाइल्स तकनीक से बनाने की सलाह दी है. इसका डिजाइन इस तरह से बनेगा कि यह जगह सुरक्षित रहें. यहां से हार्ड रोड 9 से 22 मीटर की गहराई पर है. इसी लेवल पर रिज को बचाने के लिए माइक्रो पाइल्स वाला स्ट्रक्चर बनाया जाएगा. यह माइक्रो पाइल्स चार से 7 मीटर तक गहरे होंगे.

2011 से धंस रहा रिज का एक हिस्सा
बता दें कि शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान के गेयटी के सामने वाला एक हिस्सा 2011 से धंस रहा है और तब से हर साल ये हिस्सा धंसता जा रहा है. हालांकि नगर निगम हर साल खानापूर्ति करने के लिए दरारों को भरने का काम करता रहा, लेकिन बरसात में ये हिस्सा धंसता जा रहा है. नगर निगम ने रिज को बचाने के लिए आईआईटी रुड़की से डिजाइन तैयार करवाया है और जल्द ही इसका काम भी शुरू किया जाएगा.

ये भी पढ़ें:धर्मशाला की कांग्रेस पार्षद ने CM जयराम से की मुलाकात, राजनीतिक गलियारों में गरमाई चर्चा

ABOUT THE AUTHOR

...view details