शिमला: मुख्यमंत्री और राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने रविवार शाम हिमाचल भवन चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राजस्व बढ़ाने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई.
संजय कुंडू ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के लिए निर्देश देते हुए इस बात पर विशेष बल दिया कि रिटर्न भरने की प्रतिशतता को वर्तमान की दर से बढ़ाते हुए 95 प्रतिशत तक लाया जाए, ताकि सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जीएसटी के पंजीकृत करदाता पिछले छः महीने से अपना टैक्स रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनके पंजीकरण रद्द किए जाएं.
संजय कुंडू ने कहा कि जीएसटी में जिन करदाताओं का दो बार पंजीकरण हुआ है उनको भी रद्द किया जाए. इसके अलावा उन ठेकेदारों के पंजीकरण को भी रद्द करने को कहा है जिन्होंने जीएसटी लागू होने के समय तो पंजीकरण करवाया, लेकिन वर्तमान में निष्क्रिय चल रहें है. उन्होंने निर्देश दिए कि जो करदाता केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और अपनी रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनका मामला केंद्रीय जीएसटी आयुक्त से उठाया जाए.
प्रधान सचिव ने जीएसटी रिटर्न भरने को लेकर जागरूकता अभियान चलाने और समस्त जिला प्रभारियों को मीडिया के माध्यम से विज्ञापन और प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए.
इसके अतिरिक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने जिलावार जीएसटी के राजस्व एकत्रीकरण का अवलोकन किया. साथ ही राजस्व बढ़ाने बारे निर्देश दिए. राजस्व जिला दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु ने नवंबर, 2018 में 6.92 करोड़ की तुलना में नवंबर, 2019 तक 633 प्रतिशत वृद्धि के साथ 50.72 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व एकत्र किया. राजस्व जिला बीबीएन ने नवंबर, 2018 में 139.63 करोड़ रुपये की तुलना में नवंबर, 2019 में 252.53 करोड़ रुपये का राजस्व एकठ्ठा किया, जिसकी वृद्धि दर 80.85 प्रतिशत रही.