शिमला:हिमाचल में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर शिमला जिला में प्रवेश करने से पहले पंजीकरण करवाना जरूरी होगा. बिना पंजीकरण के जिला में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इंटर स्टेट मूवमेंट के लिए जारी गाइडलाइन के बाद प्रदेश सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं, लेकिन प्रवेश करने के लिए पंजीकरण की शर्त अभी भी रखी गई है.
ऑनलाइन पंजीकरण करने के बाद बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को एक्नॉलेजमेंट कार्ड दिया जाएगा, जिसके बाद ही हिमाचल की सीमाओं में प्रवेश मिल पाएगा. इसके अलावा अब जिला में बिना लक्षण के पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा भी शुरू कर दी है.
शिमला उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को कोरोना की 96 घंटे की रिपोर्ट साथ लानी होगी. हालांकि इससे पहले 72 घंटे की रिपार्ट मांगी जाती थी. उन्होंने कहा कि शिमला पर्यटक स्थल है और सेब सीजन के चलते भी बाहरी राज्यों से काफी लोग आ रहे हैं, ऐसे में पंजीकरण करना अनिवार्य है ताकि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनकी ट्रैवल हिस्ट्री खंगालने में आसानी हो. इसके अलावा जिला में पर्यटकों और आढ़तियों को लाने वाले टैक्सी ड्राइवरों को इन नियमों में छूट दी गई है.
डीसी शिमला ने कहा कि जिला में पहले की तरह होम क्वारंटाइन और संस्थागत क्वारंटाइन किया जाएगा. अमित कश्यप ने पंजीकरण न करने के आरोपों को सिरे से नकारा और कहा कि पास बनाने की टीम लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग पंजीकरण के दौरान पूरी जानकारी नहीं दे रहे हैं, जिस वजह से उनके पास रिजेक्ट हो रहे हैं. डीसी शिमला ने बताया कि अभी 1600 पास पेंडिंग पड़े हुए हैं, इसके अलावा बागवान मैनुअल पास बना कर लेबर को ला सकते हैं.
ये भी पढ़ें: प्रदेश सरकार पर कांग्रेस का हमला, एक नहीं कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार की खुलेंगी परतें