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ड्रग तस्करों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार राज्यों के पास हो, केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक में CM सुक्खू ने रखी मांग

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Published : Jul 17, 2023, 4:04 PM IST

दिल्ली में ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित रीजनल बैठक में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वर्चुअली शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने मांग रखी कि ड्रग माफिया से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्यों को ज्यादा अधिकार देने की आवश्यकता है. उन्होंने NDPS एक्ट में भी संशोधन की मांग रखी. पढ़ें पूरी खबर...

Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu
ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित रीजनल बैठक, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वर्चुअली शामिल हुए.

शिमला:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से राज्यों को ड्रग तस्करों की संपति जब्त करने का अधिकार देने की मांग की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित रीजनल बैठक में यह मांग रखी. उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्यों को ज्यादा अधिकार देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त ड्रग माफिया पर प्रभावी ढंग से नकेल कसने के लिए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टांस (एनडीपीएस) अधिनियम में संशोधन की भी आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने नशीली दवाओं के तस्करों की संपत्ति जब्त करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम में एक प्रावधान जोड़ने का आग्रह किया.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह भी उल्लेख किया कि हिमाचल प्रदेश से प्रवर्तन निदेशालय को नशीली दवाओं से संबंधित स्थानांतरित किए गए 10 मामलों में प्रगति धीमी रही है. ऐसे में उन्होंने जब्त करने की शक्तियां राज्यों को सौंपने को कहा. उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं से संबंधित अपराध में सजा 5 साल से बढ़ाकर आजीवन कारावास की जाए और नशीले पदार्थों की मात्रा की परवाह किए बिना इस अपराध को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाने के साथ-साथ पांच लाख जुर्माने और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान भी किया जाए. उन्होंने नशीली दवाओं के अत्याधिक सेवन से होने वाली मौतों को रोकने के महत्त्व पर बल दिया और इस संबंध में अधिनियम में आवश्यक बदलाव करने का भी आग्रह किया.

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का क्षेत्रीय कार्यालय कुल्लू में स्थापित हो:मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से प्रदेश के कुल्लू जिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का क्षेत्रीय कार्यालय और आधुनिक हाई-टेक जेल स्थापित करने का भी आग्रह किया. उन्होंने मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए राज्य में आधुनिक फोरेंसिक प्रयोगशाला और मोबाइल लैब की स्थापना का भी अनुरोध किया. उन्होंने नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में तेजी लाने के लिए हिमाचल प्रदेश में एनडीपीएस अधिनियम के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट के महत्त्व पर बल दिया. उन्होंने राज्य में नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के लिए केंद्र सरकार से उदार वित्तीय सहायता का भी आग्रह किया.

हिमाचल विधानसभा ने भी पारित किया है प्रस्ताव:सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में नशीली दवाओं की बढ़ती समस्या को देखते हुए राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है. प्रदेश विधानसभा में नशाखोरी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है. उन्होंने राज्य के भीतर नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में एफआईआर की संख्या में 40 प्रतिशत, गिरफ्तारी में 34 प्रतिशत और बरामदगी में 50 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के संकेत देने वाले आंकड़े भी साझा किए. उन्होंने कहा कि हिमाचल देश के उन चुनिंदा राज्यों में शुमार है जो नशीली दवाओं की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए निवारक उपाय अपना रहा है और इस संबंध में एक सलाहकार बोर्ड का भी गठन किया गया है.

बैठक में विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी जुड़े और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त यूनुस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल और अभिषेक त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और विशेष सचिव राज्य कर एवं आबकारी हरबंस सिंह ब्रस्कॉन और प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शिमला में मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित रहा.

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