शिमला: केंद्र सरकार ने 2016 में नोटबंदी और 2017 में जीएसटी लागू किया था. नोटबंदी और जीएसटी को लेकर विपक्ष के निशाने पर रही है. देशभर में व्यापारिक संगठनों ने केंद्र के इन फैसलों का विरोध किया था. देशभर में हुए विधानसभा, उपचुनाव और लोकसभा चुनाव में भी छोटी और बड़ी राजनैतिक पार्टियों ने बीजेपी को इन दोनों मुद्दों पर घेरने की कोशिश की है.
क्या GST और नोटबंदी बीजेपी के लिए बनेगी परेशानी, जानिए कारोबारियों की राय - loksabha election
केंद्र सरकार ने 2016 में नोटबंदी और 2017 में जीएसटी लागू किया था. कारोबारी जीएसटी ओर नोटबंदी को मुद्दा नहीं मान रहे हैं.
ईटीवी भारत ने नोटबंदी और जीएसटी पर शिमला के व्यापारियों की राय जानने की कोशिश की है. अब कारोबारी जीएसटी और नोटबंदी को मुद्दा नहीं मान रहे हैं. कारोबारियों की मानें तो शुरू में जीएसटी और नोटबंदी की वजह से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी, लेकिन अब धीरे-धीरे सब ठीक हो गया है और जीएसटी से उन्हें फायदा हो रहा है. हालांकि, उनका कहना है कि जीएसटी को और आसान बनाने की जरूरत है.
स्थानीय कारोबारी चेतन का कहना है कि जीएसटी से पारदर्शिता बढ़ी है और अब सरकार से कुछ भी छुपा नहीं है. अब लोग भी इसे समझ चुके हैं कि जीएसटी के बाद उनसे कोई अधिक मुनाफा नहीं कमा सकता है. नोटबंदी के फैसले ने शुरुआत में तो दिक्कतें दी, लेकिन इस फैसले से भी कालेधन पर रोक लगी है.
कारोबारी प्रभजोत ने कहा कि जीएसटी ओर नोटबंदी दोनों फैसलों से कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ा है. यह फैसले तो सही थे, लेकिन इन्हें लागू करने में कुछ खामियां रह गई. ऐसे में अब अगर नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें अपने इन फैसलों से जो नुकसान व्यपारियों को उठाना पड़ा है इसकी भरपाई के लिए कुछ अहम कदम उठाने चाहिए.
वहीं, स्थानीय कारोबारी इकबाल सिंह ग्रोवर ने भी कि जीएसटी को सही बताते हुए उसे और आसान बनाने की बात कही. उन्होंने नोटबंदी के फैसले को गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि जिस काले धन को निकालने के लिए ये फैसला लिया गया था वे नहीं हो पाया.