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Rampur Land subsidence: आपदा के बाद धंस रही ये दो गांव, आंखों के सामने ढह रहे सपनों के आशियाने, प्रभावितों का छलका दर्द, बोले- अब कहां जाएं? - उर्मणा और बहाली गांवों में कई घरों में आई दरार

रामपुर के उर्मण और बहाली गांव के घरों में आई दरार और भूधंसाव से लोग दहशत में हैं. यहां बड़ी-बड़ी दरारें आने से घर अब पूरी तरह से असुरक्षित हो गए हैं. लोग तिरपाल और टीन शेड के नीचे रहने को मजबूर हैं. ऐसे में लोगों ने सरकार से मदद करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने की गुहार लगाई है...(Rampur Land subsidence) (cracks in houses in Urmana and Bahali village) ( Himachal Disaster)

Rampur Land subsidence
उर्मणा और बहाली गांवों में कई घरों में आई दरार

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 1:25 PM IST

Updated : Sep 4, 2023, 6:28 PM IST

आपदा के बाद धंस रही उर्मण और बहाली गांव

रामपुर: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा और भारी बारिश के बाद भी लोगों की मुसीबत खत्म होने का नमा नहीं ले रही है. आलम यह है कि भारी भूधंसाव, लैंडस्लाइड और घरों में आ रही बड़ी-बड़ी दरारें से लोग अपने ही आशियानें में सुरक्षित नहीं है. इन दिनों शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के तहत उर्मण और बहाली गांव के लोग भी दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं. क्योंकि यहां कई घर भूधंसाव की वजह से धंस रही है और कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आने से यहां रहना खतरे से खाली नहीं है.

रिहायशी मकानों के ढ़हने का सिलसिला जारी:रामपुर उपमंडल के दूर दराज 12/20 इलाके में बरसात के बाद अब रिहायशी मकानों के ढ़हने का सिलसिला जारी है. यहां घरों में भूधंसाव की वजह से मकान असुरक्षित हो गए हैं और कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. ऐसे में खतरे में आ उर्मण और बहाली गांव के लोग खतरे के साए में जीवन गुजारने को मजबूर हैं. लोगों ने सरकार से किसी दूसरे सुरक्षित स्थान पर बसाने की मांग की है. ताकि वे वह चैन से रह सके. प्रभावितों का कहना है कि बरसात बंद होने के बाद जैसे-जैसे तेज धूप खिल रही है, वैसे-वैसे भूमि धंसने की घटनाएं बढ़ रही है. कई लोग असुरक्षित घरों को छोड़ तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर हैं और कई लोग सगे संबंधियों के यहां पनाह लिए हुए हैं.

लैंडस्लाइड से रामपुर में घरों को खतरा

उर्मण और बहाली गांव के घरों में दरार: मुनीश पंचायत के उर्मण गांव के ज्ञान दासी ने बताया कि उनका मकान पूरी तरह टूट चुका है. घर का सामान सारा बिखरा पड़ा हुआ है. अब उनका कुछ नहीं बचा है. कहां जाएं क्या करें ये समझ के बाहर है. तिरपाल लगाकर रह रहे हैं, लेकिन वहां भी कभी सांप आ जाता है तो कभी ऊपर से पत्थर गिर रहे हैं. ऐसे में सभी लोग परेशान हैं. हिमकोफेड के पूर्व अध्यक्ष कॉल नेगी ने बताया कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद से मुनीश पंचायत के उर्मण और बहाली गांव को खतरा बना हुआ है. उर्मण गांव में 10 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और बाहली गांव में भी दो परिवार बेघर हो चुके हैं. उर्मण गांव की हालत देखे तो पूरा गांव दहशत में है. उन्होंने गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की सरकार से मांग की है.

उर्मण और बहाली गांव के घरों में आई दरार

चादर शेड में रहने को मजबूर प्रभावित: उर्मण गांव के महेंद्र सिंह ने बताया उन के पुराने घर में भी दरारें पड़ गई है और टूटने के कगार पर है. जमीन में जगह-जगह मोटी दरारे आने के कारण खतरा पैदा हुआ है. गरीब होने के कारण पूर्व में कई बार पंचायत से आईआरडीपी लगाने के लिए निवेदन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं करता. अब वे चादर के शेड में रहने को मजबूर हैं.

ग्रामीण तिरपाल में रहने को मजबूर

सरकार से सुरक्षित स्थान पर बसाने की गुहार: मणि राम ने बताया कि दो-चार दिनों से उनके घर में दरारे पड़नी शुरू हो गई है और धीरे-धीरे सारा मकान ढहने के कगार पर पहुंच गया है. वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें सुरक्षित स्थान पर बसाए. उन के घर के साथ सात आठ मकान तो पूरी तरह असुरक्षित हो गए हैं. उर्मण गांव की मीरा ने बताया कि मौसम साफ होने के बाद उनके घर और आस पास की जमीन में दरारें पड़ने लगी है. जिससे उन का मकान असुरक्षित हो गया है. छोटे बच्चों के साथ रात को सो भी नहीं सकते. बाहर खुले में रहना मुश्किल है. जंगली जानवरों से भी खतरा है. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

आशियान टूटने से महिला की आंखों से छलका दर्द

प्रभावितों की शिकायत सरकार से नहीं मिली मदद: बाहली गांव की राजकुमारी ने बताया कि पिछले दिनों बारिश के बाद उनका पूरा घर क्षतिग्रस्त हो गया. उनके पास रहने के लिए जगह नहीं है. वे दूसरे के घर में रह रही हैं. वे चाहती हैं कि सरकार मदद करे. अभी तक सरकार की ओर से, उन्हे कोई मदद नहीं मिली है. रोशन लाल ने बताया कि हमारे घर में दरारें पड़ गई है. घर अब रहने लायक नहीं रहा है. बाग-बगीचे भी भूमि में मोटी दरारे पड़ने व धसने के कारण तहस नहस हो गए है. सरकार स्थिति को देखते हुए उन्हें कहीं और सुरक्षित स्थान पर बसाये.

भूधंसाव से कई घर हुए जमींदोज

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Last Updated : Sep 4, 2023, 6:28 PM IST

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