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रामपुर हादसा: समय पर मिलता उपचार तो बच सकती थी मां-बेटी की जान

रामपुर के गौरा मशनु के भाजवा में रात  करीब 10 बजे अपने ढारे पर पेड़ गिरा.पेड़ गिरने से मां और बेटी की मौत हो गई. लोगों का कहना है कि मां-बेटी का समय पर उपचार किया जाता तो दोनों की जान बच सकती थी.

रामपुर हादसा: समय पर मिलता उपचार तो बच सकती थी मां-बेटी की जान

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Published : Aug 13, 2019, 8:05 PM IST

शिमला: रामपुर उपमंडल के अंतर्गत गौरा मशनु के बाजवा में भूस्खलन होने से अस्थायी घर पर पेड़ गिरने से मां और बेटी की मौत हो गई. इसके साथ ही हादसे में परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं. मृतकों की पहचान जतून और सायरा बाश के रूप में हुई है.

पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी. स्थानीय लोगों ने घायलों को उपचार के लिए खनेरी अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने सराहन अस्पताल से पोस्टर्माटम करवा कर शव को परिजनों को सौंप दिया.

रामपुर हादसा: समय पर मिलता उपचार तो बच सकती थी मां-बेटी की जान
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि मां-बेटी का समय पर उपचार किया जाता तो दोनों की जान बच सकती थी, लेकिन घर रामपुर से दुर होने के कारण और समय पर उपचार न मिलने से दोनों की मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि रामपुर के गौरा मशनु के भाजवा में रात करीब 10 बजे अपने ढारे पर पेड़ गिरा. हादसे की जानकारी मिलने के बाद साथ लगते पड़ोसियों ने वहां पहुंच कर परिवार के घायल सदस्यों को निकालना शुरू किया. जब सभी पांच लोगों को निकाल लिया गया तो उसके एक से दो घंटे के बाद मां और बेटी को गहरी चोटें आने के कारण दम तोड़ दिया.

यदि उन्हें समय पर उनका उपचार किया जाता तो उन दोनों की जान बच भी सकती थी, लेकिन रामपुर से दुर व जंगल में होने के कारण उन्हें समय पर उपचार न मिलने से दोनों मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नेटवर्क न होने से इसकी जानकारी प्रशासन को भी नहीं दी जा सकी.

पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों को इस बात की जानकारी सुबह के समय दी गई. प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को खनेरी अस्पताल पहुंचाया गया. उसके बाद मृतकों को सराहन अस्पताल पोस्टर्माटम के लिए भेजा गया. जिसके बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है.

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