शिमला: रक्षा बंधन, श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला वो त्योहार जो भाई-बहन के लिए बहुत खास है. लेकिन भाई-बहन के बंधन के बीच कोरोना वायरस इस बार दीवार बन खड़ा हो गया है.
- कोरोना काल में बहनें ऑनलाइन भेज रही राखियां
- घरों में इस बार नहीं होंगे गेट-टुगेदर
- बाजारों में खरीददारी का कम रुख
- सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा पालन
- प्रशासन की ओर से नहीं किए गए कोई इंतजाम
कोरोना ने राखी के त्योहार का रिवाज ही बदल दिया. ज्यादातर बहनें इस बार अपने भाई को पोस्टल सर्विस और ऑनलाइन ही राखियां भेज रही हैं. कोविड की वजह से परिवार गेदरिंग करने को सही नहीं मान रहे और राखी की खरीददारी के लिए बाजारों का कम ही रुख कर रहे हैं.
दूसरी ओर बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन होता नहीं दिखाई दे रहा. कुछ लोग बाजारों में खरीदारी तो कर रहे हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नहीं दिखे.
दुकानों पर लगाए गए राखी के स्टॉल पर ना तो सैनिटाइजर दिखे और ना ही दुकानदारों को हाथों में गलव्ज. शिमला शहर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन इस तरह की लापरवाही और बाजारों में बढ़ रही भीड़ परेशानी खड़ी कर सकती है. कोरोना की वजह से इस बार त्योहारों को लेकर भी मायूसी छाई हुई है.
एक तरफ जहां परिवार घरों में मिलकर इस बार त्योहार नहीं मना पा रहे हैं दूसरी ओर दुकानदारों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है. राखी पर्व पर जितनी भीड़ बाजारों में उमड़ा करती थी उसमें बहुत कमी हुई है.