शिमला:राजीव शुक्ला हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी हैं, लेकिन कांग्रेस के ही कई चर्चित चेहरे उनसे नाराज हैं. कुछ ने बगावत का झंडा बुलंद किया तो कई भीतर ही भीतर गुस्से में हैं. विरोधी दल भाजपा में भी कई नेता नाराज हुए हैं, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उन्हें मनाने के लिए घर-घर जा रहा है. वहीं, कांग्रेस के प्रभारी फाइव स्टार होटल से बाहर पैर रखने से परहेज कर रहे हैं. कांग्रेस में ये कैसी आग है और कैसा धुआं हैं और क्यों नाराजगी है, इसे राजनीतिक विश्लेषक भी अपने-अपने तरीके से इसका आकलन कर रहे हैं. (Rebel leaders in Himachal) (Congress Leaders upset with Rajeev Shukla)
राजीव शुक्ला की नाराजगी से जुड़ी इस कड़ी में सबसे तीखा वार कांग्रेस के दशकों तक सिपाही रहे हर्ष महाजन ने किया. उन्होंने तो हाईकमान को भी लपेटा और आरोप लगाया कि पार्टी में टिकट बेचे जा रहे हैं. यही नहीं, उन्होंने आरोप जड़ा कि कांग्रेस में तो पोस्ट (पद) की भी बोली और बिक्री हो रही है. उधर, वीरभद्र सिंह के करीबी रहे डॉ. सुभाष मंगलेट ने तो बाकायदा चर्चित होने वाला स्लोगन बैर नहीं, खैर नहीं उछाल दिया और सीधे तौर पर टिकट बेचने के आरोप तक लगा दिए. (Rajeev Shukla in Himachal) (Rajeev Shukla convincing Rebel leaders)
राजीव शुक्ला को लेकर क्यों है लोगों में नाराजगी?: राजीव शुक्ला या तो हिमाचल की नब्ज नहीं समझ रहे या फिर किसी रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं, ये चर्चा का विषय है. कांगड़ा का प्रकरण देखें तो जिस तरह से उन्होंने कद्दावर नेता जीएस बाली के बारे में हल्की बात कही, उससे भी नाराजगी पैदा हुई. उन्होंने जिस लहजे में बाली जी की चमचागिरी बंद करो, ये शब्द बोले, उससे कांग्रेस के कई लोग सकते में आ गए. हालांकि जीएस बाली के बेटे रघुवीर बाली को टिकट मिल चुकी है. (Congress Leaders upset with Rajeev Shukla) (Himachal Assembly Election 2022)
खैर, इस समय देखा जाए तो पच्छाद में भी गंगूराम मुसाफिर की सभा में राजीव शुक्ला के खिलाफ नाराजगी देखी गई और उन्होंने पार्टी से बगावत कर आजाद उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक दी है. उनके नामांकन में भी कांग्रेस नेताओं ने राजीव शुक्ला के खिलाफ नारेबाजी की. यही नहीं पार्टी में अंदरखाते ये भी खुसर-फुसर होती है कि राजीव शुक्ला का बीसीसीआई, अनुराग ठाकुर व क्रिकेट को लेकर भाजपा के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर है. इसका असर पार्टी पर भी पड़ेगा. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी कई मामलों में राजीव शुक्ला की कार्यप्रणाली को लेकर असहज देखी गई हैं. (Rebel leaders in Himachal) (Congress Leaders upset with Rajeev Shukla)
बागियों को नहीं मना पा रहे कांग्रेस के बड़े नेता: प्रदेश में ब्लॉक कमेटी बिना प्रदेश अध्यक्ष को सूचित किए बना दी गई थी और प्रतिभा सिंह ने नाराजगी भी जाहिर की थी. वहीं, बागियों को मनाने के लिए जिस तरह की विनम्र एप्रोच चाहिए, राजीव शुक्ला उसे भी नहीं अपना रहे. कांग्रेस के आम कार्यकर्ता ही कहते पाए जाते हैं कि राजीव शुक्ला फाइव स्टार संस्कृति में अधिक रचे-बसे हैं. राजीव शुक्ला जब भी शिमला दौरे पर आते हैं तो वो फाइव स्टार होटल में ही ठहरते हैं और आम कार्यकर्ताओं से भी संवाद करने से परहेज करते रहे हैं. (Rajeev Shukla in Himachal) (Rajeev Shukla convincing Rebel leaders)
कार्यकर्ताओं में राजीव शुक्ला के खिलाफ नाराजगी: चाहे प्रदेश के दौरे के दौरान या फिर दिल्ली में राजीव शुक्ला से आम कार्यकर्ता तो दूर बड़े नेता भी नहीं मिल पाते हैं. जिससे कार्यकर्ताओं में भी उनके खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है. पिछले दो दिन से डैमेज कंट्रोल के लिए राजीव शुक्ला सहित बड़े नेता दो दिन से शिमला में है, लेकिन यहां भी राजीव शुक्ला पार्टी कार्यालय को छोड़ कर फाइव स्टार होटल में बैठ कर बागियों से बात कर रहे हैं. अभी तक राजीव शुक्ला ने किसी भी बागी उम्मीदवार से मुलाकात तक नहीं की है. (Congress Leaders upset with Rajeev Shukla) (Himachal Assembly Election 2022)
ये भी पढ़ें:डैमेज कंटोल में जुटी कांग्रेस, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने बागियों मनाने का किया दावा