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रेल मंत्री पीयूष गोयल दोपहर बाद पहुंचेंगे शिमला, मुख्यमंत्री आवास पर होगी महत्वपूर्ण बैठक - Railway Minister Piyush Goyal himachal visit 2021

शनिवार दोपहर बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल शिमला पहुंचेंगे. इस दौरान वह ओकओवर पहुंचकर मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश में चल रहीं रेलवे की परियोजनाओं पर चर्चा करेंगे. इस दौरे पर उनके साथ धर्मपत्नी सीमा गोयल और एपीएस विजय कुमार झा मौजूद रहेंगे.

Railway Minister Piyush Goyal
रेल मंत्री पीयूष गोयल

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Published : Feb 27, 2021, 11:47 AM IST

शिमला: पहाड़ पर हांफ रही रेल को गति देने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल आज दोपहर बाद शिमला पहुंचेंगे. रेल मंत्री ओकओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात करेंगे. कार्यक्रम के अनुसार रेल मंत्री करीब डेढ़ बजे चंडीगढ़ पहुंचेंगे. वहां से प्रदेश सरकार के हेलीकाप्टर से 3:15 बजे अनाडेल हेलीपैड पहुंचेंगे. इसके बाद 4:30 बजे ओकओवर पहुंचकर मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश में चल रहीं रेलवे की परियोजनाओं पर चर्चा करेंगे.

इस दौरान पीयूष गोयल की धर्मपत्नी सीमा गोयल और एपीएस विजय कुमार झा उनके साथ रहेंगे. बैठक के दौरान भानुपल्ली-बिलासपुर, बिलासपुर-लेह, अंब-अंदौरा-तलवाड़ा सहित अन्य रेल परियोजनाओं पर चर्चा हो सकती है. उम्मीद लगाई जा रही है कि बैठक के दौरान कोई महत्वपूर्ण फैसले भी हो सकता है.

देश की सुरक्षा और सामरिक नजरिए से देखें तो 475 किलोमीटर लंबी भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेलवे लाईन के लिए अब तक इंटरनेशनल एजेंसी ने सेटेलाईट इमेज प्रणाली के जरिए 22 सर्वे करवाए गए हैं. भानुपल्ली- बिलासपुर-मनाली-लेह के तौर पर सबसे ऊंची इस रेलवे लाईन पर 30 स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं. इस रेललाइन के लिए रडार की मदद से भी सर्वेक्षण किया जाएगा.

हिमाचल के साथ रेल विस्तार के मामले में अनदेखी

हिमाचल के सीएम व अन्य नेता समय-समय पर केंद्र से इस विषय को उठाते आए हैं. देखा जाए तो आजादी के बाद से हिमाचल के साथ रेल विस्तार के मामले में अनदेखी होती आई है. यहां अंग्रेजों के जमाने की रेल लाइनों का विस्तार न के बराबर हुआ है. कालका-शिमला रेल मार्ग केवल शिमला तक ही सीमित है. इसे रोहड़ू तक ले जाने की बात कई बार हुई है. इसके लिए सर्वे भी नहीं किया जा रहा है.

हिमाचल में रेल विस्तार की अधूरी कहानी

हिमाचल में रेल विस्तार के लिहाज से सर्वे का झुनझुना जरूर इस पहाड़ी राज्य को मिलता रहा है. यदि वर्ष 2016-17 के रेल बजट की बात करें तो उस दौरान हिमाचल को परवाणु से दाड़लाघाट रेल लाइन के सर्वे के लिए 2.33 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था. इसके अलावा बद्दी से बिलासपुर की 50 किलोमीटर की प्रस्तावित लाइन के सर्वे के लिए 3.40 लाख, बिलासपुर से रामपुर 7.12 लाख, अंब से कांगड़ा की 75 किलोमीटर की दूरी के लिए 5.25 लाख रुपए की राशि सर्वे के लिए तय की गई थी.

धर्मशाला से पालमपुर 40 किलोमीटर के लिए 2.99 लाख, ऊना से हमीरपुर की 90 किलोमीटर की लाइन के लिए 11.10 लाख, जोगेंद्रनगर से मंडी के लिए 4 लाख व पठानकोट से जोगेंद्रनगर के 181 किलोमीटर रेल लाइन के सर्वे को 26 लाख रुपए की राशि मिली थी.

हिमाचल के लिए जरूरी है रेल विस्तार

हिमाचल में औद्योगिक विकास की रफ्तार को और तेज करने के लिए रेल विस्तार बहुत जरूरी है. खासकर चंडीगढ़-बद्दी रेल मार्ग का जल्द निर्माण होना लाजिमी है. ऐसा इसलिए कि हिमाचल का बड़ा औद्योगिक क्षेत्र इसी रेल मार्ग से कवर होगा. हिमाचल में सोलन जिला में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ यानी बीबीएन सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है. इसे एशिया का फार्मा हब भी कहा जाता है.

40 हजार करोड़ रुपए का दवा उत्पादन

विश्व की सभी बड़ी दवा कंपनियां यहां यूनिट्स लगा कर काम कर रही हैं. बीबीएन में सालाना 40 हजार करोड़ रुपए की दवा उत्पादन का आंकड़ा है. यदि चंडीगढ़-बद्दी रेल मार्ग तैयार हो जाए तो फार्मा सेक्टर सहित अन्य उद्योगों को बड़ा लाभ होगा. इसके अलावा यहां कलपुर्जों के निर्माण की भी यूनिट्स हैं. यहां उद्योग की जरूरतों के लिए सौ करोड़ से अधिक की लागत वाला टैक्नीकल सेंटर भी खुला है, लेकिन रेल नेटवर्क न होने से सारी ढुलाई सडक मार्ग से ही होती है. हिमाचल लंबे अरसे से चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन का मामला उठा रहा है.

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