शिमलाः हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों के 244 अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं. कुछ पर तो सीबीआई की जांच भी चल रही है. इसमें बहुचर्चित स्कॉलरशिप घोटाले के दागी शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हैं.
शुक्रवार को हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान ये जानकारी सामने आई. सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने अधिकारियों व कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने से जुड़ा सवाल किया था. इसके जवाब में जो जानकारी सामने आई, उसके अनुसार प्रदेश के 244 अधिकारी व कर्मचारी दागी हैं. अधिकांश पर विजिलेंस की जांच चल रही है. कई मामलों में जांच आगे बढ़ी है और अभियोजन के चरण तक पहुंच गई है. वहीं, कुछ मामलो में भ्रष्टाचार के आरोपी अफसर व कर्मचारी ट्रायल का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार से कोई विभाग अछूता नहीं रहा है.
लोक निर्माण, जल शक्ति विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, केसीसी बैंक, राजस्व विभाग, कृृषि, परिवहन, शिक्षा, उद्यान, पुलिस विभाग आदि में करप्शन के मामले आए हैं.
सुजानपुर के विधायक ने जानना चाहा था कि भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई जांच, विजिलेंस जांच किस स्टेज में हैं. लिखित जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि कई मामले बरसों पुराने हैं. फिर भी उनकी जांच जारी है. यही नहीं, कई आरोपित तो सरकारी सेवा से रिटायर भी हो गए हैं, फिर भी जांच एजेंसी के सामने पेश होना पड़ता है.
इन पर सीबीआई जांच कर रही है, उनमें सहायक उप निरीक्षक रामलाल, हेड कांस्टेबल कमल सिंह, हेड कांस्टेबल राम सिंह, हेड कांस्टेबल मनोज, कांस्टेबल यादवेंद्र सिंह, उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक तिलकराज शामिल हैं. इसके अलावा स्कॉलरशिप घोटाले के आरोपी अरविंद राजटा भी हैं. ये शिक्षा विभाग में अधीक्षक ग्रेड टू के पद पर थे. तिलक राज के खिलाफ मामला पंजाब, हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है. विभाग ने 12 अक्टूबर 2017 को सीबीआइ को अवगत करवाया था कि इस मामले में अभियोजन मंजूरी की जरूरत नहीं है.
छह महीने में 9086 अधिकारियों, कर्मियों की ट्रांस्फर
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2020 में छह महीने के अंतराल में 9086 अधिकारियों व कर्मचारियों की ट्रांस्फर की गई. वर्ष 2020 में 31 जुलाई तक ये तबादले हुए. किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने इस बारे में सवाल किया था. इस पर लिखित जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि सरकार ने तबादला किए गए लोगों पर टीए, डीए के तौर पर 753822 रूपये खर्च किए. क्लास वन अफसरों में से 1160 के तबादले किए गए। क्लास टू के 316 ट्रांसफर हुए. सबसे अधिक ट्रांसफर तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के किए गए. कुल 6962 क्लास थ्री कर्मियों को छह माह में बदला गया. क्लास फोर के 646 कर्मचारी भी तबदील किए गए.
वहीं, चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा ने प्रश्नकाल के दौरान नेरवा बस डिपो से जुड़ा सवाल उठाया. हिमाचल पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक यान आरएम ने अपनी मर्जी से दो साल पहले नेरवा से बस डिपो शिफ्ट किया था. विधायक चाहते थे कि अब इसे दोबारा तारादेवी से नेरवा ले जाया जाए. वर्मा का कहना था कि नेरवा में यह डिपो पहले से चल रहा था, जबकि नेरवा में आरएम का कार्यालय भी है. परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर की गैर मौजूदगी में पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सवाल का जवाब दिया.