शिमला: प्रदेश के स्कूलों में छात्रों के गिरते शिक्षा के स्तर को अब शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किए गए क्वेश्चन बैंक के माध्यम से ऊपर उठाया जाएगा. अब स्कूली छात्रों को क्वेश्चन बैंक के माध्यम से शिक्षकों को पढ़ाना होगा. इस क्वेश्चन बैंक को बुधवार को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने लॉन्च किया और इसका विमोचन किया.
यह क्वेश्चन बैंक स्कूलों में छात्रों के लर्निंग स्किल्स को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा. समग्र शिक्षा ने छात्रों के पढ़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए यह तरीका निकाला है. इसके तहत छठी से लेकर आठवीं तक के छात्रों के लिए क्वेश्चन बैंक विभाग ने तैयार किया है. यह क्वेश्चन बुकलेट्स स्कूलों में पहुंचाई गई है और छात्रों को इसका लाभ मिल सकेगा.
खास बात यह है कि समग्र शिक्षा की ओर से छठी से लेकर आठवीं तक के हर विषय की यह क्वेश्चन बुकलेट तैयार की जा रही है,ताकि छात्र हर विषय में अपना लर्निंग स्किल सुधार सकें.
क्वेश्चन बैंक के लिए तैयार की गई इन बुकलेट्स की खास बात यह है कि इन किताबों में सिलेबस से संबंधित प्रश्नों को रुचि पूर्ण तरीके से शामिल किया गया है. बुकलेट्स में अप्लाइड प्रश्न शामिल किए गए हैं, ताकि छात्र सिलेबस से हटकर विषय से संबंधित ज्ञान अर्जित करें और प्रश्नों को हल करना सीखें. इससे उनका लर्निंग मेथड सही हो सके. यह बुकलेट्स प्रदेश के 4700 सरकारी स्कूलों में वितरित की जाएंगी. इसमें माध्यमिक स्कूलों के साथ ही वो वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शामिल होंगे जहां पर छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं चल रही हैं.
क्वेश्चन बैंक को तैयार करने के साथ ही एसएसए ने यह क्वेश्चन बैंक का कंटेंट रिसोर्स मैटेरियल टैब पोर्टल पर भी डाला है. इस पोर्टल में नई लर्निंग आउटकम्स प्लान और साइंस से लेकर हर विषय को शामिल किया गया है. हर विषय से जुड़े सवाल इस पोर्टल में क्वेश्चन बैंक में दिए गए हैं. अब इसका विमोचन होने के साथ ही शिक्षा विभाग में सभी जिलों में स्कूलों को आदेश दिए हैं कि वह छात्रों को कक्षाओं में समग्र शिक्षा के तहत तय की गई नई गाइडलाइन के तहत पढ़ाएं. पोर्टल के तहत शिक्षकों को लेसन, प्रेजेंटेशन, गेम बेस्ड एसेसमेंट के माध्यम से छात्रों को बढ़ाने के आदेश हुए हैं.
वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि लर्निंग आउटकम आधार पर इस क्वेश्चन बैंक को तैयार किया गया है. इस बुकलेट्स में जो प्रश्न शामिल किए गए हैं उससे शिक्षकों को भी मदद मिलेगी और वह आसानी से छात्रों को परीक्षाओं की तैयारी करवा सकेंगे. शिक्षकों को मात्र छात्रों को उन प्रश्नों को सुलझाने का तरीका समझाना होगा. इससे छात्रों को प्रश्नों को जल्दी और सही तरीके से सुलझाने में मदद मिलेगी.
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