शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक ओर मानसून की आपदा से तबाही का मंजर है. वहीं, दूसरी ओेर पक्ष और विपक्ष में आपदा को लेकर बयानबाजी का दौर भी जारी है. इस दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में आपदा के समय राजनीति नहीं करनी चाहिए. बल्कि सभी को एकजुट होकर केंद्र के सामने हिमाचल के हितों को रखना चाहिए. प्रदेश को आपदा राज्य घोषित करने की मांग विपक्ष को भी करनी चाहिए, ताकि हिमाचल को केंद्र से ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद मिले.
केंद्र से नहीं मिली पर्याप्त मदद: पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार से जो हिमाचल को मदद मिलनी चाहिए थी, उस तरह की मदद नहीं मिल रही है. केंद्र सरकार ने जो राशि जारी की है वह हर साल मिलने वाली आपदा राशि का हिस्सा है. इसके अलावा हिमाचल को कुछ भी नहीं मिला है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने प्रदेश में हुए नुकसान के लिए अंतरिम राहत देने का मसला उठाया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में 10 से 15 हजार करोड़ का भारी नुकसान हुआ है, ऐसे में केंद्र सरकार को हिमाचल को आपदा राज्य घोषित करने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए.
'जल्द बहाल होंगी सड़कें':पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस आपदा में कई लोगों की जान गई है और प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा 2600 करोड़ का नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है. प्रदेश में लगातार बारिश से सड़कें बंद हो रही हैं. अभी भी 600 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. विभाग के अधिकारियों को बंद सड़कों को जल्द खोलने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सेब सीजन के लिए सभी सड़कों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए.