हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह. शिमला:हिमाचल में भूकंप कभी भी तबाही मचा सकता है. साल 1905 में हिमाचल के कांगड़ा में विनाशकारी भूकंप आया था जिसमें 20 हजार लोगों की मौत हुई थी. भूकंप के लिहाज से हिमाचल सबसे संवेदनशील क्षेत्र में आता है. जहां हर साल दर्जनों भूकंप आते हैं. भूकंप की दृष्टि से हिमाचल संवेदनशील पांचवें जोन में आता है. 2022 में छोटे और मध्यम किस्म के 53 भूकंप आए. यही नहीं, साल 2023 में हिमाचल में अब तक 10 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए गए है.
बीती रात भी हिमाचल में भूकंप के झटके महसूस किए गए है, हालांकि भूकंप की तीव्रता कम आंकी गई. जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ है. भूकंप को लेकर सरकार भी काफी चिंतित है. वहीं, मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल में बीती रात भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ है. भूकंप जैसी आपदा से निटपने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है और उन्होंने पहले भी विभाग के साथ इस मामले में बैठक की है.
उन्होंने कहा कि बैठक में भूकंप से संबंधित विभाग को सख्त निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश भर में नए भवन बनाए जा रहे हैं, उन्हें भूकंप रोधी बनाया जाए. साथ ही भवन में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, ताकि भूकंप के वक्त नुकसान को कम से कम किया जा सके. उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों को इस बारे में स्टडी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में सरकार और प्रशासन पूरी तरह तैयार रहे.
सिस्मिक जोन पांच में आता है हिमाचल-भूकंप को लेकर पूरे देश को पांच जोन में बांटा गया है. यह पांच जोन बताते हैं कि कौन से राज्य या इलाकों में भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है. इसमें पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. जोन पांच में नुकसान की सबसे ज्यादा आशंका बनी रहती है. देश का करीब 11 फीसदी हिस्सा पांचवें जोन में आता है. वहीं, हिमाचल प्रदेश सिस्मिक जोन पांच में शामिल है.
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