शिमला: गुड़िया केस के दोषी अनिल कुमार उर्फ नीलू को अब फिजिकल हियरिंग के दौरान सजा पर बहस होगी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी अधीनस्थ अदालतें आगामी आदेश तक बंद हैं. मंगलवार को इस मामले में सजा सुनाए जाने संबंधी फैसला होना था. अदालत ने वर्चुअल माध्यम से सुनवाई तय की थी. बताया जा रहा है कि अब शिमला की विशेष अदालत खुलने के बाद ही सजा पर फैसला लेगी.
बता दें कि दुष्कर्म और हत्याकांड में अदालत नीलू को दोषी करार दे चुकी है. इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में नीलू की सजा पर मंगलवार को सुनवाई हुई. इससे पहले सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी नीलू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)1, 376 ए, 302 और पॉक्सों अधिनियिम की धारा 4 के तहत दोषी करार दिया है.
रेयरेस्ट ऑफ रेयर है मामला
एडवोकेट रौशन लाल ठाकुर ने कहा कि यह अपराध जघन्य है और रेयरेस्ट ऑफ रेयर है. हालांकि कोर्ट तथ्यों के आधार पर ही सजा सुनाएगा. जो धाराएं लगी हैं उनके अनुसार दोषी को फांसी की भी हो सकती है. इसके अलावा कोर्ट उम्रकैद की सजा भी सुना सकता है. जब यह मामला अदालत के सामने आया था. उस समय जिला बार एसोसिएशन ने आरोपी के पक्ष से मुकदमा नहीं लड़ने का निर्णय लिया था. पिछली सुनवाई के दौरान चार साल पहले के इस मामले में नीलू को दोषी ठहरा देने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में दोषी को सजा 11 मई को सुनाई जाएगी. सीबीआई की ओर से अदालत में घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों के सैंपल की नीलू के डीएनए से मिलान को कोर्ट ने महत्वपूर्ण सबूत माना.
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