शिमला: प्रदेश में 1 जून से बसें चलना शुरू हो जाएंगी. इसको लेकर सरकार ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है. जिसके तहत उम्मीद लगाई जा रही है कि कर्फ्यू में ढील के समय को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक किया जा सकता है. इसके अलावा बसों की समय सारणी में भी परिवर्तन किया जाएगा.
बता दें कि फिलहाल हिमाचल प्रदेश के अंदर ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा होगी. प्रदेश से बाहरी राज्यों को बसें नहीं चलाई जाएंगी. पहली जून से प्रदेश में एक जिला से दूसरी जिला जाने के लिए किसी भी प्रकार के पास की आवश्यकता नहीं होगी. टैक्सी अभी सोशल डिस्टेंसिंग के फार्मूले को ध्यान में रखते हुए सवारियां बिठा सकती हैं. परिवहन मंत्री ने उम्मीद जताई कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी की जा रही गाइडलाइन का अनुसरण प्राइवेट बस ऑपरेटर भी करेंगे और क्षमता के 60 प्रतिशत से अधिक सवारियां बसों में नहीं बिठाई जाएंगी.
परिवहन मंत्री ने लोगों से भी नियमों का पालन करने की अपील की है ताकि कोरोना वायरस से सुरक्षित बचा जा सके. बसों में किसी भी यात्री को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए सभी सुरक्षा मानकों को अपनाया जाएगा.
प्रदेश सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार बस स्टैंड पर जिला मजिस्ट्रेट से सहयोग मांगा गया है. ताकि पुलिस की सहायता से भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और उचित दूरी का पालन करते हुए सवारियों को बसों में बिठाया जा सके. ऐसी बसों को छोड़कर सभी बसें अपने रूट पर चल सकेंगे.
प्रदेश सरकार के अनुसार प्राइवेट और सरकारी बसों में केवल 60 प्रतिशत सवारियां ही बैठेगी. जबकि 40 प्रतिशत सीटें खाली रखने के आदेश दिए गए हैं. इनके अनुसार हर दूसरी सीट को खाली रखना होगा और इन पर वेकेंट सीट के स्टीकर भी लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा यात्रियों को खिड़कियों की तरफ बैठाया जाएगा. ताकि बसों में वेंटिलेशन की व्यवस्था भी बनी रहे.
बिना मास्क पहने किसी भी यात्री को बस में नहीं बैठने दिया जाएगा. बसों को सुबह चलने से पहले या शाम को रूट से लौटने के बाद सैनिटाइज किया जाएगा. इस प्रक्रिया को आउटसोर्स कर्मियों के माध्यम से करवाया जा सकता है.
बसों में सवारियां बिठाते समय जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम में मौजूद रहेंगी. इस दौरान प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाएगा और अगर संभव हुआ तो यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाएगी. बस में केवल एक ही एंट्री प्वाइंट रखा जाएगा. जहां से यात्री बैठ सकेंगे दूसरी तरफ से यात्रियों को उतरने की सुविधा दी जाएगी. बस अड्डों पर प्रशासन मार्गदर्शक सिग्नल और बोर्ड लगाएंगे. ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसके अलावा सभी बस अड्डों पर पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम लागू करना जरूरी है.