शिमला: प्रदेश सरकार ने पीटीए, पैट और पैरा टीचरों की सेवाओं को नियमित करने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले पर पीटीए शिक्षक संघ अपनी खुशी जाहिर की है.
पीटीए शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश ठाकुर ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से सैकड़ों शिक्षकों और उनके परिवारों को राहत की सांस मिली है.
हरीश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्षों से चली आ रही पीटीए पैट और पैरा अध्यापकों की मांग को पूरा कर दिया है. अब इन अध्यापकों को भी बाकी नियमित अध्यापकों के अनुसार ही वेतन भत्ते और अन्य सुविधाएं मिल पाएंगी.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने 98796 शिक्षकों को नियमितीकरण का तोहफा दिया है. यह फैसला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है.
सरकार के इस फैसले के साथ ही नियमितीकरण की राह देख रहे 6500 पीटीए, 3300 पैट और 97 पैरा शिक्षकों का इंतजार खत्म हो गया है.
मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद इन्हें नियमित करने का फैसला लिया. हालांकि इन अध्यापकों के वित्तीय लाभ और सेवा शर्त का निर्धारण होना अभी बाकी है.
सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिलते ही विभिन्न शिक्षक संगठनों ने सरकार का आभार जताते हुए बैक डेट से नियमितीकरण का लाभ देने की मांग शुरू कर दी है. पीटीए और पेट को साल 2018-19 से नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है.
कोर्ट में मामला विचाराधीन होने से सरकार ने इन्हें नियमित करने से हाथ पीछे कर लिए थे. इससे पहले दिसंबर 2014 को हाईकोर्ट से अस्थाई शिक्षकों के हक में फैसला आने पर सरकार ने 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पैरा शिक्षकों को नियमित कर दिया था. सरकार ने 7 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके पीटीए शिक्षकों को भी अनुबंध पर ला दिया था.
इन्हें नियमित करने की राह अब आसान हो गई है. इसके अलावा लेफ्ट आउट शिक्षकों को सरकार क्या अनुकंपा लाती है या फिर उन्हें नियमित करती है, यह स्थिति गाइडलाइन आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी.
अगर शिक्षकों को अब नियमित किया जाता है तो नियमित जेबीटी की तरह पे स्केल के लिए 2 साल का और इंतजार करना होगा. हिमाचल में अस्थाई शिक्षकों की भर्तियां पिछले 17 वर्षों में हुई है.
इनमें विद्या उपासकों की नियुक्तियां 2002-03 में हुई और 203 से लेकर 2007 तक प्राथमिक सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां प्रारंभिक शिक्षा विभाग में हुई थी. पेट शिक्षकों की भर्तियां 2004 में हुई जबकि पीटीए शिक्षकों की भर्तियां 2006 में हुई थी.
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